ITR 2024-25 भरने से पहले जानें फॉर्म 16, AIS और फॉर्म 26AS के बारे में, वरना हो सकती है गलती

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ITR 2024-25 Documents: अगर आप टैक्स भरने वाले व्यक्ति हैं, तो शायद आप इस समय वित्त वर्ष 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की तैयारी में लगे हुए होंगे। लेकिन रिटर्न फाइल करने से पहले कुछ जरूरी बातें और दस्तावेज़ ऐसे हैं जिनकी जानकारी आपके पास होनी बहुत ज़रूरी है। अगर ये जानकारी सही तरीके से आपके पास होगी, तो आप रिटर्न आसानी से और बिना गलती के भर सकेंगे और किसी नोटिस या परेशानी से भी बच पाएंगे। टैक्स भरने की इस प्रक्रिया में आपकी सैलरी, दूसरी आमदनी और टैक्स से जुड़ी जानकारी काफी अहम होती है। इसलिए आज हम आपको तीन ऐसे जरूरी दस्तावेजों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें हर टैक्स भरने वाले व्यक्ति को जानना चाहिए – ये हैं: फॉर्म 16, एआईएस (Annual Information Statement) और फॉर्म 26एएस (26AS)।

क्या होता है Form 16?

फॉर्म 16 एक ऐसा प्रमाणपत्र है जो नौकरी करने वालों को उनके नियोक्ता यानी कंपनी या संस्थान द्वारा दिया जाता है। इस दस्तावेज़ में उस वित्तीय वर्ष के दौरान कर्मचारी को मिली कुल सैलरी, उस पर काटे गए टीडीएस (Tax Deducted at Source) और सरकार को जमा किए गए टैक्स की जानकारी होती है। फॉर्म 16 दो हिस्सों में बांटा होता है – पहला हिस्सा (Part A) टीडीएस से संबंधित होता है जिसमें नियोक्ता का TAN, कर्मचारी का PAN और कुल जमा टैक्स की जानकारी होती है। दूसरा हिस्सा (Part B) कर्मचारी की सैलरी का ब्रेकअप, विभिन्न टैक्स छूट (जैसे सेक्शन 80C आदि) और नेट टैक्सेबल इनकम को दर्शाता है। यह दस्तावेज़ नौकरीपेशा लोगों के लिए ITR भरते समय सबसे जरूरी कागज़ों में से एक होता है।

AIS क्या है?

AIS, यानी Annual Information Statement, एक ऐसा डिजिटल स्टेटमेंट है जिसे आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर देखा जा सकता है। यह हाल के वर्षों में शुरू की गई सुविधा है, जो करदाता की संपूर्ण वित्तीय गतिविधियों का विवरण प्रदान करती है। इसमें व्यक्ति की सैलरी, बचत खाते में ब्याज, शेयरों और म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश, क्रेडिट कार्ड खर्च, अचल संपत्ति से जुड़े लेन-देन, टीडीएस और टीसीएस की पूरी जानकारी शामिल होती है। AIS का उद्देश्य करदाताओं को यह दिखाना है कि आयकर विभाग के पास उनके बारे में कौन-कौन सी वित्तीय जानकारियां दर्ज हैं, ताकि वे अपनी ITR भरते समय किसी प्रकार की गलती से बच सकें।

क्या है फॉर्म 26AS?

वहीं फॉर्म 26AS एक और अत्यंत आवश्यक दस्तावेज़ है जिसे ‘टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट’ भी कहा जाता है। यह फॉर्म यह दिखाता है कि किसी व्यक्ति के नाम पर किन-किन स्रोतों से कितना टैक्स सरकार के पास जमा हुआ है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज देते समय टीडीएस काटा है, या नियोक्ता ने सैलरी पर टीडीएस जमा किया है, तो वह जानकारी इस फॉर्म में दर्ज होती है। इसके अलावा इसमें एडवांस टैक्स, सेल्फ असेसमेंट टैक्स और टैक्स रिफंड की भी जानकारी दी होती है। इस फॉर्म की मदद से टैक्सपेयर्स यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका टैक्स सही ढंग से जमा हुआ है और उसकी रसीद विभाग के रिकॉर्ड में है या नहीं।

इन तीनों दस्तावेज़ों का इस्तेमाल टैक्स रिटर्न भरने में न केवल प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है, बल्कि आयकर विभाग से किसी भी त्रुटि या नोटिस की संभावना को भी कम करता है। इसलिए हर टैक्सपेयर्स को चाहिए कि ITR भरने से पहले वह फॉर्म 16, AIS और 26AS को सावधानी से जांच ले और सभी जानकारियों का आपस में मिलान कर ले।