‘मेक इन इंडिया’ को नई उड़ान! भारत बना ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग का नया केंद्र, जानिए रिपोर्ट में क्या है खास?

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'मेक इन इंडिया’ को नई उड़ान
'मेक इन इंडिया’ को नई उड़ान

भारत वैश्विक विनिर्माण के क्षेत्र में एक अहम शक्ति बन सकता है — यही भविष्यवाणी की है मॉर्गन स्टेनली रिसर्च की एक नई रिपोर्ट ने। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि भारत की मौजूदा सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियाँ इस बदलाव के लिए काफी अनुकूल हैं।

क्यों बन रहा है भारत मैन्युफैक्चरिंग का हॉटस्पॉट?

मॉर्गन स्टेनली की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत की तेज जनसंख्या वृद्धि, मजबूत लोकतांत्रिक ढांचा, नीति स्थिरता, बेहतर होता भौतिक ढांचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर), बढ़ती स्टार्टअप संस्कृति और सामाजिक संकेतकों में लगातार हो रहा सुधार — ये सभी फैक्टर भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (Global Supply Chain) में महत्वपूर्ण स्थान दिला सकते हैं।

भारत का भविष्य: आर्थिक दृष्टिकोण

रिपोर्ट के मुताबिक, इन मजबूत बुनियादी वजहों के चलते भारत न सिर्फ एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा, बल्कि यह दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजारों में से एक के रूप में भी उभरेगा। ऊर्जा सेक्टर में हो रहे बदलावों से भारत की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण की हिस्सेदारी में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल सकता है।

GDP और अन्य प्रमुख आर्थिक कारक

भारत की जीडीपी में धीरे-धीरे तेल पर निर्भरता कम होती जाएगी, वहीं सेवा क्षेत्र से जुड़े निर्यात और वित्तीय संतुलन (Fiscal Consolidation) में सुधार आने की उम्मीद है। इससे निवेश और बचत के बीच बेहतर संतुलन स्थापित हो सकेगा। साथ ही, मॉर्गन स्टेनली का कहना है कि मुद्रास्फीति की अस्थिरता पर काबू पाने में आपूर्ति पक्ष के सुधार (Supply-Side Reforms) और लचीली मौद्रिक नीति (Monetary Policy) बड़ी भूमिका निभाएंगी।

यह रिपोर्ट इस ओर संकेत करती है कि आने वाले वर्षों में भारत न सिर्फ वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग का मजबूत स्तंभ बनेगा, बल्कि आर्थिक सुधारों और रणनीतिक नीतियों के दम पर दुनिया के आर्थिक मानचित्र पर और अधिक प्रभावशाली बनकर उभरेगा