भारत की टेलीकॉम कंपनियों में एयरटेल नंबर वन कंपनी है लेकिन अब ज्यादा समय तक नहीं रहेगी क्योंकि कुमार मंगलम बिड़ला के स्वामित्व वाली तीसरे नंबर की टेलीकॉम कंपनी आइडिया और वोडाफोन आपस में विलय कर रहे हैं। कंपनी के बोर्ड ने विलय होनी की खबर में सोमवार को मुहर लगा दी। इन दो बड़ी कंपनियों के विलय होने के बाद नई कंपनी देश की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।
इस विलय में आदित्य बिड़ला ग्रुप के साथ वोडाफोन और उसके साथ स्वामित्व वाली सहायक कंपनी जैसे वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड का भी आपस में विलय हो जाएगा। इन दोनों कंपनियों का विलय अगले साल तक हो जाएगा। इस विलय में वोडाफोन का हिस्सा 45% होगा जबकि आइडिया का हिस्सा 26% होगा। हालांकि बाद में दोनों का हिस्सा बराबर का हो जाएगा। कंपनी के विलय के बाद नई कंपनी के पास भारतीय बाजार में कुल 40% मोबाइल सब्सक्राइबर्स होंगे। कुल आवंटित स्पेक्ट्रम का 25 प्रतिशत हिस्सा अकेले इस कंपनी के पास होगा ऐसे में इसे 1 प्रतिशत स्पेक्ट्रम बेचना होगा ताकि इसकी सीमा से जुड़े नियम का पालन हो सके।
वोडाफोन के इंडस टार्वस के 42% शेयर को छोड़कर वोडाफोन और आइडिया के सभा शेयरों का आपस में विलय होगा। बताया जा रहा है कि वोडाफोन विलय के बाद बनने वाली कंपनी में सीईओ और सीएफओ दोनों पद मांग रहा है लेकिन नई कंपनी में कुमार मंगलम बिड़ला को चेयरमैन घोषित करने में उसे कोई ऐतराज नहीं होगा।
यकीनन इन बड़ी कंपनियों के आपस में विलय के बाद लोगों को कई अच्छी योजनाओं का लाभ मिलेगा।