अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने जनवरी 2023 में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाकर तहलका मचाया था, अब बंद हो गई है। कंपनी के संस्थापक नाथन एंडरसन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर घोषणा करते हुए कहा कि उनकी योजना थी कि निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के बाद कंपनी को बंद कर दिया जाए। हिंडनबर्ग रिसर्च को ग्राउंड ब्रेकिंग फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन के लिए जाना जाता था और इसकी स्थापना 2017 में हुई थी।
अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोप और परिणाम:
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2023 की शुरुआत में अडानी ग्रुप पर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें समूह की कंपनियों पर गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी और गौतम अडानी, जो उस समय दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति थे, को बड़ा नुकसान हुआ। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
भारतीय बाजार नियामक, सेबी (SEBI) द्वारा की गई जांच में भी हिंडनबर्ग के आरोपों को कोई ठोस आधार नहीं मिला। इसके बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर फिर से स्थिर हो गए। गौतम अडानी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
अन्य रिपोर्ट्स और कंपनी का सफर:
हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप के अलावा डोरसी के ब्लॉक इंक और इकान एंटरप्राइजेज जैसी अन्य प्रमुख कंपनियों पर भी रिपोर्ट पब्लिश की थी। इन रिपोर्ट्स के कारण इन कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन कंपनियों की कुल संपत्ति में 99 अरब डॉलर का नुकसान हुआ और लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 173 अरब डॉलर तक गिर गया।
नाथन एंडरसन ने कंपनी के सफर और उससे जुड़े संघर्षों के बारे में बात करते हुए बताया कि हिंडनबर्ग को तीन मुकदमों और वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने हिंडनबर्ग द्वारा विकसित रिसर्च और प्रक्रिया को ओपन-सोर्स करने की योजना भी साझा की।
हिंडनबर्ग रिसर्च का सफर विवादों और चर्चाओं से भरा रहा। इसकी रिपोर्ट्स ने वैश्विक कंपनियों को बड़े झटके दिए, लेकिन अंत में यह फर्म अपने मिशन को पूरा करने के बाद बंद हो गई। नाथन एंडरसन के इस फैसले ने फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन क्षेत्र में एक युग का अंत कर दिया।