GST Hike on Cigarettes: सिगरेट पर जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) को बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने की खबर ने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी है। इस फैसले का सीधा असर एफेमसीजी (FMCG) सेक्टर की प्रमुख कंपनी ITC पर पड़ा, जिसके शेयरों में 3 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर आईटीसी के शेयर 3% गिरकर एक दिन के निचले स्तर 462.80 रुपये पर आ गए, जबकि वीएसटी इंडस्ट्रीज (VCT) के शेयर 2.3% गिरकर 318.30 रुपये पर और गॉडफ्रे फिलिप्स (Godfrey Phillips) 3.2% गिरकर 5,575.50 रुपये पर आ गए।
क्या है मामला?
सरकार ने सिगरेट पर कर ढांचे को सख्त बनाने के संकेत दिए हैं। प्रस्तावित बढ़ोतरी के अनुसार, सिगरेट पर जीएसटी 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया जा सकता है। इसके साथ ही, सिगरेट पर सेस (Cess) में भी बढ़ोतरी की संभावना है। सरकार का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य तंबाकू उत्पादों के उपयोग को नियंत्रित करना और राजस्व बढ़ाना है।
ITC पर असर
ITC, जो सिगरेट उत्पादन और बिक्री के क्षेत्र में अग्रणी है, इस टैक्स बढ़ोतरी से सबसे अधिक प्रभावित हो सकती है। बता दें कि खबर आने के तुरंत बाद ITC के शेयरों में करीब 3% की गिरावट दर्ज की गई। विश्लेषकों का मानना है कि बढ़ा हुआ टैक्स सिगरेट की कीमतों को बढ़ाएगा, जिससे इसकी मांग पर असर पड़ सकता है।
अन्य कंपनियों पर भी असर
ITC के अलावा अन्य तंबाकू उत्पाद निर्माताओं पर भी इस फैसले का असर देखने को मिलेगा। छोटी कंपनियां, जिनका मुनाफा पहले ही सीमित है, उन्हें बढ़े हुए कर के कारण कीमतें बढ़ानी पड़ेंगी, जिससे उनकी बिक्री और प्रॉफ़िट पर नेगेटिव प्रभाव पड़ सकता है।
सिगरेट पर GST के मौजूदा नियम
फिलहाल सिगरेट पर जीएसटी के जो नियम लागू हैं उनके अनुसार 28% जीएसटी के साथ-साथ 5% से 36% तक मुआवजा उपकर (CESS) लगता है, जो सिगरेट की लंबाई पर निर्भर करता है, सबसे लंबी सिगरेट पर अधिकतम 36% सेस लगता है।
मार्केट विश्लेषकों की राय
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी हो सकती है। हालांकि, यदि कीमतों में वृद्धि के कारण सिगरेट की मांग में कमी आती है, तो ITC के मुनाफे पर लंबी अवधि में असर पड़ सकता है।
इसके अलावा, ITC के पास अन्य क्षेत्रों, जैसे FMCG और होटल कारोबार, में भी निवेश है, जो इसे पूरी तरह प्रभावित होने से बचा सकता है।