Crude Oil : रूस और यूक्रेन के बीच विवाद गहराने का असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी पड़ सकता है। खासतौर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आने की उम्मीद है। दोनों की देशों के मध्य कभी भी युद्ध शुरू हो सकता है।
लगातार बढ़ते दबाव और तनाव के माहौल में कच्चे तेल के बाजार में उठापटक देखने को मिल रही है। यूरोप में सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने वाला रूस एक करोड़ बैरल तेल का उत्पादन करता है, जो वैश्विक मांग का लगभग 10% है। ऐेसे में अगर सप्लाई लाइन प्रभावित होती है, तो संभव है कि ईंधन की कीमतें भी आसमान छूऐंगीं।

Crude Oil : अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज कच्चे तेल पहुंचा 70 डॉलर प्रति बैरल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आज कच्चे तेल की कीमत थोड़ी गिरी है। कच्चे तेल की कीमत घटकर 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंच गई है। देश में पेट्रोल(Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। भारतीय पेट्रोलियम विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) के अनुसार, 28 नवंबर को भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर बने हुए हैं।
युद्ध होने पर बिजली उत्पादन गिरेगा
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की स्थिति में बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता है। दरअसल रूस यूक्रेन के रास्ते भूमिगत पाइपलाइन से यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करता है। युद्ध छिड़ जाने की स्थिति में कई देशों में बिजली उत्पादन में कटौती होगी। कारखाने बंद होने के साथ बिजली उत्पादन का स्तर गिर सकता है।
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