‘सावधान दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण पीएम आ रहे हैं’ ऐसा कहना है इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का। अपने तीन दिवसीय दौरे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इजरायल पहुंच चुके हैं। बता दें कि आजादी के 70 साल के इतिहास और इजरायल के साथ 25 साल के रिश्तों में अब तक ऐसा कोई प्रधानमंत्री नहीं हुआ जो कभी इजरायल दौरे पर गया है। शायद इसलिए इजरायल के पीएम नेतन्याहू ने मोदी को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण प्रधानमंत्रियों में से एक मानते हुए अपनी टॉप प्रोटोकॉल टीम के साथ मोदी को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे। माना जा रहा है कि अपनी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आईटी, कृषि, रक्षा और साइबर सिक्युरिटी समेत कई अहम क्षेत्रों में करार हो सकते हैं। बता दें कि हाल के अमेरिका दौरे और चीन से मिल रही धमकियों के मद्देनजर पीएम मोदी के इस ऐतिहासिक इजरायल दौरे पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकीं हुईं हैं।
मंगलवार 4 जुलाई को एपीएन न्यूज के खास कार्यक्रम मुद्दा में ‘पीएम मोदी का इजरायल दौरा’ के विषय पर चर्चा हुई। इस अहम मुद्दे पर चर्चा के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। इन लोगों में गोविंद पंत राजू (सलाहकार संपादक एपीएन न्यूज), डॉ. सुब्रो कमल दत्ता (विदेश मामलों के जानकार), कर्नल शिवदान सिंह (रक्षा विशेषज्ञ), ब्रिगेडियर बी. डी. मिश्रा (रक्षा विशेषज्ञ), सुरेंद्र राजपूत (प्रवक्ता कांग्रेस) और के के शर्मा (राष्ट्रीय प्रवक्ता बीजेपी) शामिल थे।
डॉ. सुब्रो कमल दत्ता ने कहा कि 1947 की आजादी के बाद से अब तक इजरायल दौरे पर भारत का कोई प्रधानमंत्री नहीं गया, इसलिए पीएम मोदी के इस दौरे को ऐतिहासिक रुप से देखा जा सकता हैं। खासकर आतंक के मुद्दे पर भारत-इजरायल के बीच होने वाली वार्ता पाकिस्तान के लिए नासूर साबित हो सकती हैं। क्योकि इजरायल की रक्षानीति, विदेशनीति अमेरिका के आंतरिक नीति से प्रभावित हैं।
कर्नल शिवदान सिंह ने कहा कि आतंकी गतिविधियों से लड़ने में इजरायल एक सक्षम देश है। आज इजरायल चारों तरफ से दुश्मन देशों से घिरे होने के बावजूद पूरे विश्व में एक महाशक्ति के रुप में पहचाना जाता है। भारत द्वारा आतंक के विरुद्ध इजरायल के सिद्धांतों को अपनाने में क्या बुराई है? इजरायल ने भारत के जरूरत पर भारत सरकार को एंटी मिसाइल सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम जैसी अहम तकनीक दी है।
ब्रिगेडियर बी. डी. मिश्रा ने कहा कि ‘देर आए दुस्त आए’ भारतवर्ष को 45 साल यह समझने में लगा कि दुनिया के मानचित्र पर इजरायल भी एक देश है और 25 साल इन रिश्तों को सुदृढ़ करने में लगे। भारत के मन में जो एक मनोविज्ञानिक डर था इस डर को पीएम मोदी ने ताक पर रख दिया। भारत की जीडीपी की बात की जाए तो भारत की जीडीपी ज्यादा नहीं है लेकिन विश्व में सबसे ज्यादा आयात करने वाला देश भारत हैं।
सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि प्रधानमंत्री के इजरायल दौरे को लेकर भारत की सारी पार्टियां पीएम मोदी के साथ खड़ी है। इजरायल की कृषि व्यवस्था बेहतरीन है, अगर भारत और इजरायल के बीच में कृषि मुद्दे पर समझौता होता है तो वह हमारे लिए स्वागत योग्य कदम है।
के के शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी का इजरायल दौरा कूटनीति दृष्टि, सामरिक दृष्टि, कृषि दृष्टि एवं विभिन्न दृष्टियों से नींव का पत्थर साबित होगी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस संबंधों को बढ़ाने के लिए हमारी सरकार निरंतर प्रयास करती जा रही है।
गोविंद पंत राजू ने कहा कि इजरायल दौरा और फिलिस्तीन दौरा करना पीएम मोदी का अपना प्रोटोकॉल है। जरुरी नहीं है कि अगर वो इजरायल दौरा करे तो फिलिस्तीन दौरा भी करेंगे। पीएम का फिलिस्तीन दौरा न करना, उस पर सवाल खड़ा करना गलत है ! पीएम के इस दौरे से राजनीतिक, कूटनीतिक, और आतंकवाद को लेकर विश्व पटल पर व्यापक संदेश जाएगा। वहीं पाकिस्तान पर भी अंकुश लगाने में भारत को मदद मिलेगी।