अगले साल लोकसभा चुनाव है तो सभी सियासी पार्टियां अपने-अपने चुनावी समीकरण साधने लग गई हैं। जिससे कि आम चुनाव में उनकी नैया पार लग जाए। विपक्षी दल भी नए समीकरण बना रहे हैं जिससे मोदी मैजिक से टक्कर ली जा सके। बिहार सीएम नीतीश कुमार भी इसी काम में जुटे हुए हैं। फिलहाल नीतीश बिहार में महागठबंधन का हिस्सा हैं और आगे भी इसी के साथ चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं लेकिन अब उन्होंने यूपी में एक नई सियासी चाल चली है। दरअसल नीतीश कुमार की पार्टी जदयू यूपी में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहती है। नीतीश कुमार का गठबंधन के लिए अखिलेश यादव के आगे हाथ बढ़ाना एक बड़ा सियासी कदम माना जा रहा है।
आपको बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि अगर पार्टी आम चुनाव में यूपी में किसी के साथ गठबंधन करती है तो वह समाजवादी पार्टी से गठबंधन करेगी। गौरतलब है कि जदयू यूपी में खुद को मजबूत करने पर काम कर रही है। इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि यूपी में अगर कोई विपक्ष का चेहरा होगा तो वो अखिलेश यादव ही होंगे। अब देखना होगा कि सपा इस ऑफर को किस तरह देखती है।
बता दें कि पुराने अनुभवों के चलते सपा जहां कांग्रेस से दूरी बनाना चाहती है तो वहीं नीतीश कुमार का कहना है कि कांग्रेस के बिना विपक्षी एकता पूरी नहीं हो सकती है। नीतीश कुमार अपनी ओर से विपक्ष को एकजुट करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि विपक्षी दलों में कांग्रेस की भूमिका को लेकर सवाल है। कुछ पार्टियां चाहती हैं कि कांग्रेस के बगैर मोर्चा तैयार हो जबकि कुछ चाहते हैं कि कांग्रेस के साथ लड़ाई लड़ी जाए।
वैसे यूपी में समीकरण देखा जाए तो अखिलेश यादव के कुछ साथी भी चाहते हैं कि तीसरे मोर्चे से बेहतर है कि कांग्रेस को साथ में लेकर चुनाव लड़ लिया जाए क्योंकि तीसरे मोर्चे के नेताओं का यूपी में कोई आधार नहीं है। अब देखना होगा कि अखिलेश यादव क्या चाल चलते हैं?