जर्नल साइंस रोबोटिक्स शोध में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार लंदन के वैज्ञानिकों ने ‘जिंदा’ रोबोट बनाने में सफलता हासिल की है। इसे बनाने के लिए जिंदा मेढ़क के कोशिकाओं का इस्तेमाल किया गया है। रोबोट इतना कमाल का है कि, यह खुद ही अपने कलपुर्जे बदल सकता है और इसकी याददाश्त बहुत जोरदार है। यह रोबोट ‘Xenobots’ बॉयोलॉजिकल रोबोट का अपडेटेड वर्जन है जिसका पिछले साल अनावरण किया गया था।
इस जिंदा रोबोट को टुफ्ट्स यूनिवर्सिटी और वेरमोंट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने मेढ़क की कोशिकाओं से तैयार किया है।
इस रोबोट में याददाश्त की जोरदार क्षमता है और उन घटनाओं को याद रख सकता है जो उसके साथ होती हैं। ये रोबोट अपने पुराने संस्करण के मुकाबले ज्यादा तेज और ज्यादा क्षमतावान हैं। यहीं नहीं उनका जीवनकाल भी ज्यादा लंबा है।
ये रोबोट एकजुट होकर एकसाथ काम कर सकते हैं और खुद ही अपने आपको ठीक कर सकते हैं। शोधकर्ताओं ने कहा है कि वे इस रोबोट को और ज्यादा अपग्रेड कर सकते हैं ताकि उसके अंदर अन्य क्षमताओं को डाला जा सके।
यह छोटा सा रोबोट कई काम एक साथ कर सकता है। इसमें खुद से ही इधर-उधर चलना और आसपास की चीजों को अंजाम देना शामिल है। यह रोबोट अपने साथी रोबोट के साथ मिलकर एक साथ सेना की तरह से किसी काम को अंजाम दे सकता है। इस नए रोबोट में कई नई चीजों को जोड़ा गया है। यह रोबोट कई एकल कोशिकाओं को एकजुट करके अपना शरीर बना सकता है। ये रोबोट तैरने में भी सक्षम हैं।
शोधकर्ताओं ने कहा कि इन रोबोट का इस्तेमाल पर्यावरण को सुधारने और स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है। इन रोबोट से यह भी पता चल सकता है कि कैसे इंसान की तरह से मेढ़क की कोशिकाएं एक शरीर का निर्माण करती हैं और एक सिस्टम के रूप में काम करती हैं।