ऐसा कहा जाता है कि सीढ़ियों का संबंध राहु-केतु से होता है, गलत सीढ़ियां जीवन में समस्याएं पैदा कर देती हैं, इसी कारण राहु केतु भी बुरा प्रभाव डालते है।
सीढ़ियां और उन्नति एक ही सिक्के के दो पहलू है जिदंगी के उतार चढ़ाव से संबंध रखती हैं। सीढ़ियां अगर घर के बाहर है तो शुक्र ग्रह से संबंध रखती हैं। घर के अंदर हों तो यह मंगल ग्रह से संबंध रखती है, मगर सबसे ज्यादा सीढ़ियों का संबंध राहु-केतु से होता है। गलत सीढ़ियां से जिदंगी में अचानक समस्याएं पैदा होती हैं। और इसी कारण राहु केतु जीवन पर बुरा प्रभाव डालते हैं।
सीढ़ियों के बनवाने से इन बातों का ध्यान रखें
सीढ़ियों के लिए सबसे उत्तम जगह नैऋत्य कोण मानी जाती हैं। सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण दिशा या पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर करे। मुख्य द्वार के सामने, ईशान कोण या आग्नेय कोण में सीढ़ियों का निर्माण भुल कर भी ना करे। सीढ़ियां घुमावदार कम रखे ज्यादा बेहतर होती है।
सीढ़ियों को चौड़ा बनवाए और सीढ़ियों पर प्रकाश की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए। सीढ़ियों के नीचे बाथरूम, स्टोर या जल वाली चीजें नहीं होनी चाहिए। भूलकर भी सीढ़ियों के नीचे मंदिर न बनाएं।
गलत जगह बनी हुई सीढ़ियां के उपाय सीढ़ियों को सफेद रंग से कर दे। सीढ़ियों के साथ वाली दीवार पर लाल रंग का स्वस्तिक बना दें। अगर सीढ़ियों के नीचे कुछ गलत निर्माण करा लिया है तो वहां पर एक तुलसी का पौधा लगाएं। सीढ़ियों के नीचे प्रकाश की उचित व्यवस्था करें। सीढ़ियों की शुरुआत वाले स्टेप पर और खत्म होने वाले स्टेप पर एक एक हरे रंग का डोरमैट रख दें। सीढ़ियों के नीचे पढ़ने-लिखने की वस्तुयें या किताब रखने की व्यवस्था कर सकते हैं।