गुजरात में महेसाणा जिले की ऊंझा विधानसभा सीट से  कांग्रेस की महिला विधायक डॉ.आशाबेन पटेल ने आज पार्टी और सदन की सदस्यता दोनो से इस्तीफा दे दिया। पाटीदारो की कड़वा उपजाति ,जिससे पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल भी आते हैं, सबसे  प्रमुख धार्मिक स्थल तथा जीरा और मसाला व्यवस्थाय का विश्वख्यात केंद्र  माने जाने वाले ऊंझा क्षेत्र की विधायक के इस्तीफे को स्वीकार किये जाने की  विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने पुष्टि की।

आशाबेन पटेल ने बाद में पत्रकारों से कहा कि उन्होंने कांग्रेस की अंदरूनी  गुटबाजी तथा जनता से जुड़े मुद्दों के प्रति पार्टी और इसके आलाकमान की  उदासीनता से उब कर यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने फिलहाल यह तय  नहीं किया है कि भविष्य में वह किसी दल में जायेंगी।

हालांकि इस्तीफे के बाद उनकी ओर से केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ किये  जाने से इस तरह की अटकलें लगायी जा रही हैं कि वह आगामी लोकसभा चुनाव से  पहले सत्तारूढ भाजपा में शामिल हो सकती हैं। इस बीच, उनके इस्तीफे के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महेसाणा के सरदार चौक पर उनका पुतला जलाया। उधर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने भाजपा पर  उसके विधायकों को प्रलोभन देकर तोड़ने का आरोप लगाया।

उधर, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस प्रकरण को कांग्रेस का अंदरूनी मामला  बताया और कहा कि यह सब पार्टी की गुटबाजी के कारण हो रहा है। उपमुख्यमंत्री  नीतिन पटेल ने कहा कि आशाबेन पटेल ने स्वयं कहा है कि पार्टी में उनकी  बात नहीं सुनी जा रही थी और उन्हें यथोचित सम्मान नहीं मिल रहा था।

ज्ञातव्य है कि आशाबेन पटेल के इस्तीफे के साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा  में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घट कर 75 हो गयी है। इससे पहले  कांग्रेस के ही कुंवरजी बावलिया ने इस्तीफा दिया था। वह भाजपा में शामिल  होकर मंत्री बनाये गये थे और अपनी सीट जसदन में हुए उपचुनाव मे भाजपा  प्रत्याशी के तौर पर जीत भी गये थे। सदन में भाजपा विधायकों की कुल संख्या  100 है।

–साभार, ईएनसी टाईम्स

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