
Siddique Kappan: सुप्रीम कोर्ट से केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को बड़ी राहत मिली है। पत्रकार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दायर मामले में कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम सिद्दीकी कप्पन को जमानत देने का आदेश दे रहे हैं, लेकिन सरकार बताए कि क्या शर्तें हो सकती हैं।
दरअसल, सिद्दीकी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर शुक्रवार को सुनवाई हुई थी। मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की सुनवाई की। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सिद्दीकी कप्पन को जमानत पर रिहा करने पर सहमति जतायी है।

Siddique Kappan: यूपी सरकार ने जमानत का किया विरोध
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस मामले में UAPA के तहत पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत का विरोध किया है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। यूपी सरकार ने कहा है कि सिद्दीकी कप्पन CAA-NRC और बाबरी फैसले को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने की साजिश का बड़ा हिस्सा है। वह देश में धार्मिक कलह और आतंक फैलाने की बड़ी साजिश का हिस्सा है।
इन दलीलों पर CJI जस्टिस यूयू ललित ने यूपी सरकार से पूछा कि क्या कप्पन के पास से कोई विस्फोटक पदार्थ मिला था? या कोई ऐसी सामग्री मिली जिससे लगता हो कि वो साजिश रच रहा था।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ये भी कहा गया है कि सिद्दीकी कप्पन का चरमपंथी संगठन PFI से करीबी सम्बंध है। राज्य सरकार ने कहा कि PFI राष्ट्रीय विरोधी एजेंडे के तहत काम करती है। यूपी सरकार ने कहा कि 45 हज़ार की रिकवरी के सोर्स के बारे में नहीं बता सकते हैं।

Siddique Kappan: अंडर कवर रहे इसलिए बना पत्रकार- यूपी सरकार
यूपी सरकार की ओर से इस मामले में कहा गया कि जांच में सामने आया है कि CFI के नेशनल सेक्रेटरी राउफ शरीफ ने इस यात्रा के लिए वित्तीय सहायता दी थी। इसी के साथ ये भी कहा गया कि जांच में सामने आया कि सिद्दीकी पत्रकार के रूप में इसलिए जा रहा था ताकि वह अंडर कवर रहे।
यूपी सरकार ने कहा कि सिद्दीकी कप्पन सहआरोपी CFI के राउफ शरीफ के साथ एक बड़ी साजिश का हिस्सा था। जिसके तहत धर्मिक कलह फैलाने और देश में आतंक फैलाने की कोशिश की गयी। राज्य सरकार ने कहा कि जांच में यह बात सामने आयी है कि सिद्दीकी PFI/CFI के उज डेलिगेशन का सदस्य था जो हाथरस पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहा था और आतंक फैलाने का मकसद था।
Siddique Kappan: सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था यूपी सरकार से जवाब
बता दें, सिद्दीकी कप्पन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत खारिज करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 5 सितंबर तक का समय दिया था।
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