दुनिया भर में बर्फ की पहाड़ियों से घिरा दावोस जो स्कीइंग के लिए भी चर्चित है मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बिजनेस क्लास के दिग्गजों के जमावड़े की जगह बना हुआ है। अगले एक हफ्ते तक यहां दुनिया के बड़े-बड़े नेता, इन्वेस्टर्स और बिजनेस लीडर्स वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग में हिस्सा लेंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ इस बैठक में भाग लेने के लिए प्रस्थान कर चुके हैं।
इस बार दावोस शहर लग रहा है कि भारत का ही कोई हिल स्टेशन हो। वजह है यहां इस बार चारों तरफ भारत औऱ भारतीयों का जलवा दीखने को मिल जा रहा है। भारत सरकार ने तो यहां अपना लॉन्ज लगाया ही है, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने केंद्र यहां बनाए हैं। वहीं ग्लोबल कंपनियों से अलग कुछ भारतीय कंपनियों ने भी अपने सेंटर यहां लगाए हैं।
शहर की ऊंची-ऊंची बिल्डिग्स के ऊपर और चलती-फिरती बस पर, इस समय हर ओर बस भारत और भारतीय कंपनियों के विज्ञापन ही दिख रहे हैं। संकरी सड़कों के इस शहर की सड़कें और संकरी हो चली हैं क्योंकि बर्फबारी अपने चरम पर है, जिससे सड़क के दोनों तरफ बस बर्फ ही बर्फ दिख रही है। जहां चाय और पकौड़े की मांग सबसे ज्यादा बनी हुई है, वहीं वड़ा-पाव और डोसा भी लोगों के बीच खास पसंद किया जा रहा है।
हम आपको बता दें कि 1971 से हर साल जनवरी में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग यहां हो रही है और इस साल यह उसकी 48वीं एनुअल मीटिंग है। भारत से दावोस जाने वाले मोदी दूसरे प्रधानमंत्री है जो वहां इकॉनोमिक फोरम में भाग लेने गए हैं। इससे पहले देवेगौड़ा गए थे। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग के चलते शहर में सुरक्षा कर्मियों की संख्या बढ गई है, क्योंकि पांच दिन के इस कार्यक्रम में दुनिया भर के करीब 3,000 नेता शामिल हुए हैं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग की रिपोर्टिंग के लिए 2,000 से ज्यादा पत्रकार भी यहां जुटे हैं।