फिल्म पद्मावती की राह में रोड़े बढ़ते ही जा रहे हैं। एक मुसीबत टलती नहीं कि दूसरी सर पर आ जाती है। करणी सेना के विरोध प्रदर्शन के बीच अब सेंसर बोर्ड फिल्मकार से नाराज होता नजर आ रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) से पहले मीडिया को फिल्म पद्मावती दिखाए जाने पर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने नाराजगी जताई है।
सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा है कि, “यह निराशाजनक है कि बोर्ड के फिल्म देखने और प्रमाण पत्र जारी करने से पहले मीडिया के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग रखी गई और राष्ट्रीय चैनलों पर इसकी समीक्षा की जा रही है।”
उन्होंने यह भी कहा कि इसी हफ्ते फिल्म मेकर्स ने सेंसर बोर्ड के पास फिल्म को सर्टिफिकेट देने के लिए आवेदन भेजा था लेकिन अभी तक उन्होंने फिल्म से संबंधित पूरे दस्तावेज नहीं जमा किए हैं। जो पेपर अभी तक मिले हैं उसमें यह साफ नहीं हुआ कि ये फिल्म हिस्टोरिकल है या फिर फिक्शन। ऐसे में फिल्म की रिलीज डेट पर असर पड़ सकता है।
आपको बता दें कि इस स्क्रीनिंग में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा और रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्वामी समेत कुछ खास लोगों को बुलाया गया। जिसके बाद पत्रकार रजत शर्मा ने अपने प्राइम टाइम शो में बताया कि वो इस फिल्म को देखने के बाद कह सकते हैं कि इसमें एक भी सीन आपत्तिजनक नहीं है।
वहीं अरनब गोस्वामी ने भी अपने शो के दौरान कहा है कि इस फिल्म में राजपूतों के खिलाफ ऐसा कुछ नहीं है जिसके लिए इतना हंगामा किया जा रहा है। ये तो रानी पद्मावती के लिए सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। ‘पद्मावती‘ देखने के बाद सोशल मीडिया पर सभी ने फिल्म को लेकर अपने विचार रखे हैं। जिसके बाद प्रसून जोशी ने नाराजगी जताई है।
दरअसल, फिल्म को लेकर काफी दिनों से विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे। साथ ही फिल्म की रिलीज होने पर संजयलीला भंसाली और दीपिका पादुकोण को धमकियां भी मिल रही थीं। जिसके बाद मामले को शांत करने के लिए मेकर्स ने इस फिल्म को कुछ चुनिंदा लोगों को दिखाया जिससे कि फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ हो सके। ये रवैया प्रसून जोशी को पसंद नहीं आया कि सेंसर बोर्ड के बिना देखे और बिना सर्टिफिकेट लिए कोई और फिल्म को देखे।