योगी सरकार फिर से विवादों में घिरती नजर आ रही है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की ओर से विश्व पर्यटन दिवस पर जारी की गई बुकलेट उत्तर प्रदेश पर्यटन-अपार संभावनाएंमें ताजमहल को जगह नहीं दी गई है। जबकि बुकलेट में गोरखधाम मंदिर को स्थान दिया गया है। साथ ही देवीपाटन शक्ति पीठ को भी स्थान दिया गया है। बुकलेट के पहले पेज पर बनारस की भव्य गंगा आरती को दिखाया गया है। दूसरे पेज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की तस्वीर है। हांलाकि यूपी सरकार ने इसपर सफाई देते हुए कहा है कि जो बुकलेट प्रकाशित की गई है वह पर्यटन विभाग का संग्रह नहीं हैं। यूपी पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा ने ताज को भारत का स्टार बताया है और कहा है कि ताज के लिए सरकार करोड़ो रूपए लगा रही है।

दुनिया के सात अजूबों में शामिल ताजमहल पर योगी सरकार हमेशा से ही विवादों में रही है। हाल ही में सरकार ने ताजमहल को यूपी की सांस्कृतिक विरासत लिस्ट में शुमार नहीं किया था। इससे पहले मुगलसराय स्टेशन का नाम पंडित दीनदयाल के नाम पर किए जाने से योगी सरकार विवादों में आ गई थी। जैसा कि हम जानते हैं कि ताजमहल का रिश्ता मुस्लिम शासक शाहजहां से है जिन्होंने अपने पत्नी मुमताज के याद में इसे बनवाया था। ऐसे में इस खबर को धर्म से भी जोड़ा जा रहा है।

वहीं यूपी पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा का कहना है कि ताज पर धर्म के नाम पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। यूपी सरकार ने अपने प्रेस रिलीज में कहा है कि ताज महल और ताज महल के आस पास विकास की योजनाओं के लिए वर्ल्ड बैंक ने रुपया दिया है। इसके विकास के लिए 156 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इन परियोजनाओं पर अगले 3 महीनों में काम शुरू हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि आगरा को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकसित कराया जा रहा है।

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