PM Modi: पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बीजेपी की दिग्गज नेता और पूर्व विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज की जयंती पर उनसे जुड़ा एक किस्सा आज सोशल मीडिया पर शेयर किया। पीएम मोदी ने बताया कि कैसे उनकी मां हीराबेन सुषमा स्वराज से पहली बार मिलने के बाद प्रभावित हुईं और उन्होंने परिवार की एक बच्ची का नाम सुषमा स्वराज के नाम पर रखा।
PM Modi ने सुषमा स्वराज को किया याद
PM Modi ने फेसबुक पर लिखा, ” अभी मैं जालंधर से रैली करके लौट रहा हूं। आज सुषमा जी की जन्म-जयंती है। मुझे उनसे जुड़ा एक बहुत पुराना वाकया अचानक याद आया तो सोचा आपसे शेयर करूं। करीब पच्चीस साल पहले की बात होगी, जब मैं भाजपा में संगठन का काम करता था और सुषमा जी गुजरात में चुनावी दौरे पर थीं। मेरा जो गांव है वडनगर, वहां वो गईं तो मेरी मां से भी मिलीं। ”
PM Modi ने आगे लिखा, ”उस समय हमारे परिवार में मेरे भतीजे के घर एक बेटी का जन्म हुआ था। ज्योतिष लोगों ने नक्षत्र देखकर उसका नाम निकाला और फिर नाम तय हुआ। घर वालों ने भी तय कर लिया था कि जैसा वो लोग कह रहे हैं, वैसा ही करेंगे।लेकिन मेरी मां ने सुषमा जी से मिलने के बाद कहा कि बेटी का नाम सुषमा ही रखा जाएगा। मेरी मां बहुत पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन वो विचारों से बहुत आधुनिक हैं। और उस समय उन्होंने जिस तरह सबको निर्णय सुनाया, वो भी मुझे आज तक याद है। आज सुषमा जी की जन्म-जयंती पर उन्हें नमन।”

मालूम हो कि सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को अंबाला में एक पंजाबी ब्राह्मण परिवार में हरदेव शर्मा और लक्ष्मी देवी के घर हुआ था। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रमुख सदस्य थे। उनके माता-पिता लाहौर, पाकिस्तान के धरमपुरा इलाके से थे। सुषमा स्वराज ने अंबाला छावनी के सनातन धर्म कॉलेज में शिक्षा प्राप्त की और संस्कृत और राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में कानून की पढ़ाई की।

1977 में 25 साल की उम्र में, वह हरियाणा की सबसे कम उम्र की कैबिनेट मंत्री बनीं। उन्होंने 1998 में दिल्ली की 5वीं मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया और दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार (2014-2019) में भारत के विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था।
वह इंदिरा गांधी के बाद यह पद संभालने वाली दूसरी महिला थीं। इससे पहले वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री के साथ-साथ स्वास्थ्य मंत्री भी रहीं। वह सात बार संसद सदस्य रहीं और तीन बार विधान सभा सदस्य के रूप में चुनी गईं।

एम्स नई दिल्ली के डॉक्टरों के अनुसार, स्वराज को 6 अगस्त 2019 की रात को दिल का दौरा पड़ा , जिससे उनका निधन हो गया। उन्हें मरणोपरांत 2020 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
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