आप नेता और हास्य कवी कुमार विश्वास को कौन नहीं जानता? अक्सर वह पीएम, सीएम या अन्य राजनेताओं के आए बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आते हैं। ऐसा ही हुआ कुछ बिते दिने आजादी के आंदोलन में अहम रोल निभाने वाले नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर के स्मारक संस्करण के लॉन्चिंग इवेंट में। जहां प्रियंका वाड्रा ने भीड़ द्वारा लोगों को जान से मारने की घटनाओं के दिए बयान पर AAP नेता कुमार विश्वास ने उन्हे “आडे हाथों” लिया।
कुमार ने प्रियंका पर तंज कसते हुए कहा,’मौसमी नेताओं का खून अपने लिए हितकर घटनाओं पर ही खौलता है।’ उन्होंने कहा उनका और उनके परिवार का खून तब से खौलते रहना चाहिए था, जब 1984 के सिख दंगे में सड़कों पर हजारों बेगुनाह मारे गए थे। प्रियंका का खून 1984 के सिख दंगों पर क्यों नही खौला? जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का है, तब उनका खून क्यों नहीं खौला? उन्होंने क्यों नहीं बोला की प्राकृतिक संसाधनों पर सभी का बराबर हक है! क्योंकि वह एक अजीब बयान था? उन्होंने कहा कि देश के संसाधन पर सभी देशवासियों का बराबर हक है।
गौरतलब हो कि नेशनल हेराल्ड न्यूजपेपर के स्मारक संस्करण के लॉन्चिंग इवेंट में मीडिया से रू-ब-रू हो प्रियंका वाड्रा ने कहा था कि,’पीट-पीटकर हत्या की घटनाओं से मुझे बेहद गुस्सा आता है, जब मैं ऐसी चीजें टीवी या इंटरनेट पर देखती हूं तो मेरा खून खौलने लगता है। मुझे लगता है कि इससे सही सोच वाले हर एक व्यक्ति का खून खौलना चाहिए।‘
इसी दौरान कुमार ने राहुल और पीएम मोदी को भी अपने लपेटे में लिया उन्होंने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा,’मैं इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करता हूं कि दोनों भाई बहनों ने अपने बयानों के समय अंतराल को बांट रखा है। राहुल अभी अपने नानी के यहां है तो उनका खून स्वदेश लौटने के बाद खौलेगा। फिलहाल इसबीच प्रियंका का खून खौल रहा है।‘ वही पीएम को लेकर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में घूम-घूमकर महात्मा गांधी की प्रतिमाओं पर फूल चढ़ाने वाले प्रधानमंत्री जब खुद के देश में लिचिंग जैसी घटनाओं को नहीं रोक पा रहे हैं तो इससे हास्यास्पद और दुखदायी बात क्या हो सकती है।