कुलभूषण मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ऑफ जस्टिस के आदेश को पाकिस्तान स्वीकार नहीं करना चाह रहा है इसलिए वह एक के बाद एक बयान देकर भारत का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कुलभूषण मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत ने पाकिस्तान की सैन्य अदालत द्वारा दिए गए फांसी के फैसले पर रोक लगाने को कहा था।
अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कहा जब तक कुलभूषण मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच पड़ताल और सुनवाई ना हो जाएं तब तक कुलभूषण की फांसी पर रोक लगा रहेगा। भारत के पक्ष में फैसला से पाकिस्तान तिलमिला गया और उसने इस मामले में दोबारा सुनवाई करवाने की अर्जी भी अंतरराष्ट्रीय अदालत में डाल दी। अब पाकिस्तान ने एक नया पैंतरा अपनाया है जिसमे वह कह रहा है कि वह कश्मीर मुद्दे को भी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में उठाएगा।
हालांकि पाकिस्तान के इस पैंतरे का जवाब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दे दिया है। सुषमा स्वराज ने कहा, ‘कश्मीर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। द्विपक्षीय मुद्दे को इस कोर्ट में नहीं ले जाया जा सकता।’ सुषमा स्वराज ने सोमवार को एक सालाना वार्षिक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करने के दौरान ये बातें कहीं थीं।
स्वराज ने पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्तों को लेकर जो संकेत दिए हैं उससे साफ है कि जब तक पाक आतंकी गतिविधियों को नहीं छोड़ेगा तब तक भारत सरकार उससे बातचीत की इच्छा नहीं जाएगी।
सुषमा ने अपनी बात से पाकिस्तान को जवाब दे दिया कि भारत इस धमकी को कतई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है। क्योंकि उसे पूरा भरोसा है कि पाकिस्तान के प्रस्ताव को आइसीजे खारिज कर देगा।