शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में दिनाकरन से चार दिनों से पूछताछ की जा रही थी। उनपर पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘दो पत्ती’ को अपने गुट के पास बरकरार रखने के लिये निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को 60 करोड़ रुपये घूस देने की कोशिश करने का आरोप है। दिनाकरन के साथ उनके दोस्त मल्लिकार्जुन को भी गिरफ्तार किया गया है। इससे पहले इस मामले में एक विशेष अदालत ने पुलिस से पूछा था कि अभी तक क्या कारवाई हुई है और दिनाकरन को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) प्रवीर रंजन ने बताया कि दिनाकरन शाम पांच बजे चाणक्यपुरी में अपराध शाखा के इंटर स्टेट दफ्तर में पूछताछ के लिये पेश हुए। करीब छह घंटे तक चली पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि दिनाकरन के दोस्त मल्लिकार्जुन को भी दो दिन तक चली पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन अधिकारी को घूस देने की कोशिश करने के मामले में बिचौलिये सुकेश चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के बाद से मल्लिकार्जुन हर जगह दिनाकरन के साथ जाता था। मल्लिकार्जुन पर दिनाकरन की मदद करने का आरोप है। आज दोनों को कोर्ट में पेश किया जायेगा। उससे पहले दोनों को मेडिकल जांच के लिए सफ़दरजंग अस्पताल ले जाया जायेगा।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला जयललिता के निधन के बाद तब शुरू हुआ था जब AIADMK दो धडों में बंट गई थी। इसके बाद दोनों ही दलों ने चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने इसे फ्रीज़ कर दिया था। इसी दौरान आरके नगर विधानसभा उपचुनाव होने थे। जिसके लिए दो पत्तियों वाला चुनाव चिन्ह मायने रखता था। इसी चुनाव चिन्ह को पाने के लिए दिनाकरन ने चुनाव आयोग को एक बिचौलिए सुकेश चंद्रशेखर के माध्यम से घूस देने की पेशकश की थी। हालांकि दिनाकरन ने पैसे के लेन-देन से इंकार करते हुए कहा कि वह चंद्रशेखर से मिला जरुर था लेकिन पैसों को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई थी। माना जा रहा है कि इस मामले में दिनाकरन का सचिव जनार्दन सरकारी गवाह बनने को तैयार हो गया है और उसकी गवाही से इस मामले में कई परत खुलने की संभावना है।