दिल्ली के इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ हुए प्रदर्शन में नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के पक्ष में नारे लगाने और पुलिस पर पेपर स्प्रे इस्तेमाल करने के मामले में पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। इस घटना के बाद FIR में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 197 शामिल कर दी गई है, जो देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने से संबंधित है। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों के पास हिडमा के पोस्टर मिले और उन्होंने ‘लाल सलाम’ के नारे लगाए, जिसके बाद संभावित अर्बन नक्सल लिंक की जांच शुरू कर दी गई है।
प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन हिंसा में बदला
रविवार को इंडिया गेट के सी-हेक्सागन क्षेत्र में हुए पर्यावरण विरोधी प्रदर्शन अचानक तनावपूर्ण हो गया। पुलिस का कहना है कि जब प्रदर्शनकारियों को सड़क खाली करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने पुलिस पर चिली या पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया। कई पुलिसकर्मी आंखों में जलन की वजह से इलाज के लिए RML अस्पताल ले जाए गए।
नई दिल्ली के DCP देवेश कुमार महला ने बताया कि पहली बार किसी ऐसे प्रदर्शन में पुलिस पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि बैरिकेड लगाने का मकसद ट्रैफिक को प्रभावित होने से बचाना था, लेकिन प्रदर्शनकारी सड़क पर आकर बैठ गए, जिससे एंबुलेंस और मेडिकल स्टाफ तक रास्ता बंद हो गया था।
दो थानों में दर्ज हुई FIR, 23 लोग हिरासत में
पुलिस ने इस मामले में कुल 23 लोगों को पकड़ा है और दो अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हुए हैं।
कर्तव्य पथ थाने में दर्ज FIR में 6 पुरुष आरोपियों पर BNS की धाराएं 74, 79, 115(2), 132, 221, 223 और 61(2) लगाई गई हैं।
वहीं, संसद मार्ग थाने में दूसरी FIR दर्ज की गई है, जिसमें बाकी प्रदर्शनकारियों पर धाराएं 223A, 132, 221, 121A, 126(2) और 3(5) लगाई गई हैं। इनमें सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान, सार्वजनिक सेवक पर हमला, अवज्ञा और आपराधिक साजिश जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।
‘हिडमा के समर्थन में लगाए गए नारे’—पुलिस का दावा
सोमवार को 6 आरोपियों को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। JMFC अरिंदम सिंह चीमा ने प्रदर्शन का वीडियो देखा और पुलिस को उसकी कॉपी जमा करने को कहा।
पुलिस ने 2 दिन की हिरासत की मांग करते हुए कोर्ट में कहा कि आरोपी इंडिया गेट पर अवैध तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, पुलिस आदेश नहीं मान रहे थे और उन्होंने नक्सली कमांडर माडवी हिडमा के समर्थन में नारे लगाए, जिसकी हाल ही में आंध्रप्रदेश में मुठभेड़ में मौत हुई थी।
पुलिस ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ‘लाल सलाम’ के नारे लगाते हुए पेपर स्प्रे इस्तेमाल किया। अब यह जांच की जा रही है कि क्या उनका माओवादी संगठन से सीधा संबंध है।
पांच आरोपी जेल भेजे गए, एक नाबालिग की उम्र जांच जारी
कोर्ट ने 5 आरोपियों को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। एक आरोपी, जिसने खुद को नाबालिग बताया है, उसे उम्र सत्यापन तक सेफ हाउस में भेज दिया गया है। उसकी जमानत याचिका भी दाखिल हो चुकी है। सुनवाई के दौरान आरोपियों के वकीलों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए। दो वकीलों ने दावा किया कि पुलिस ने उनके मुवक्किलों को हिरासत में प्रताड़ित किया, जबकि वे सिर्फ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और किसी भी नक्सली या राष्ट्र-विरोधी गतिविधि से उनका कोई लेना-देना नहीं है। एक अन्य आरोपी के वकील ने बताया कि वह स्वयं एक प्रैक्टिसिंग वकील है, लेकिन पुलिस ने उसके साथ भी मारपीट की। कोर्ट ने आरोपियों की चोटों की जांच कराने और पूरे मामले के CCTV फुटेज को संरक्षित रखने का आदेश जारी किया है।









