महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को मुंबई की PMLA कोर्ट से बड़ा झटका, दाऊद की संपत्ति मामले में आरोप तय

0
0
दाऊद संपत्ति मामले में नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय, कानूनी मुश्किलें बढ़ीं।
दाऊद संपत्ति मामले में नवाब मलिक के खिलाफ आरोप तय, कानूनी मुश्किलें बढ़ीं।

By: सर्वजीत सोनी | Edited By: उमेश चंद्र

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके और राष्ट्रवादी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा कानूनी झटका लगा है। दाऊद इब्राहिम की संपत्तियों से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई सत्र न्यायालय की विशेष MP-MLA कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं, जिससे उनके लिए मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

किस मामले में फंसे हैं नवाब मलिक?

नवाब मलिक का नाम सीधे उस मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ा है, जिसके तहत उन्हें 2022 में गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी का आरोप है कि दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर, उसका सहयोगी सलीम पटेल, 1993 मुंबई ब्लास्ट आरोपी सरदार खान और नवाब मलिक ने मिलकर गोवावाला कंपाउंड की तीन एकड़ जमीन झूठी साजिश के तहत मुनीरा प्लंबर नाम की महिला से हड़प ली थी।

विशेष कोर्ट में हुई महत्वपूर्ण सुनवाई

सुनवाई के दौरान नवाब मलिक के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने ईडी से महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं और इस मामले में हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की है। इसके बावजूद विशेष MP-MLA कोर्ट ने आरोप तय करने का फैसला बरकरार रखा और कार्यवाही को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया।

विशेष कोर्ट ने जताई नाराजगी

बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि पिछली हाई कोर्ट सुनवाई में एएसजी अनिल सिंह ने आश्वासन दिया था कि दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे और जब तक दस्तावेज नहीं मिलते, आरोप तय न किए जाएं।

इस पर विशेष कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा, “मेरी पीठ की ओर से कोई कैसे बयान दे सकता है? यह सही नहीं है।”

बचाव पक्ष की मांग के बावजूद कोर्ट ने क्षमा-याचना नहीं मानी और कहा, “उच्च न्यायालय के निर्देश हैं कि किसी भी मामले में चार सप्ताह के भीतर आरोप तय किए जाएं। हमारे पास पहले से ही भारी संख्या में मामले लंबित हैं।”

अगली सुनवाई 19 दिसंबर को

कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर के लिए निर्धारित की है। इन घटनाक्रमों के बाद यह साफ है कि नवाब मलिक की कानूनी दिक्कतें अब और गहरी हो चुकी हैं।