बिहार के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले राज्य प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ मैदान में है। बुधवार (5 नवंबर) को डीजीपी विनय कुमार ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बिगाड़ने या हिंसा भड़काने का प्रयास करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएँगे। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर तत्काल प्रिवेंटिव डिटेंशन के प्रावधान लागू कर गिरफ्तारी की जाएगी और चुनाव संपन्न होने के बाद भी उन्हें शर्तों के साथ रिहा किया जा सकता है — बशर्ते कठोर बांड भरने की शर्त लगाई जाएगी।
कंट्रोल रूम से होगी निगरानी
डीजीपी ने बताया कि राज्यभर की स्थिति पर नजर रखने के लिए एक बड़ा कंट्रोल रूम एक्टिव किया गया है। इसी केंद्र से पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों पर 24×7 निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “कोई भी अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारी टीमें लगातार सक्रिय हैं।” विनय कुमार ने यह भी बताया कि रोकथाम के लिए पहले से ही कई कदम उठाए जा रहे हैं और इस साल अब तक दो लाख से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई है — यह कार्रवाई अनदेखी नहीं की जा रही।
अर्धसैनिक बलों की तैनाती और कड़े चेकिंग अभियान
निर्वाचन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। डीजीपी ने बताया कि पहले चरण के लिए कुल 1,500 अर्धसैनिक कर्मियों को तीन चरणों में उपलब्ध कराया गया है, और हाल के दिनों में अतिरिक्त 150 जवानों ने भी सहयोग दिया है। ये बल विशेष रूप से उन जिलों में भेजे गए हैं जहाँ अगले चरण के मतदान होने हैं, ताकि किसी भी तरह की सुरक्षा खामी न रहे। सभी जिलों में सख्त चेकिंग और लगातार तलाशी अभियान जारी रहेगा।
त्वरित शिकायत निवारण के इंतजाम
जनता की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए डायल 112 पूरी तरह से फंक्शनल रहेगा। डीजीपी ने कहा कि सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों के मोबाइल नंबर सक्रिय रखे गए हैं ताकि किसी भी आपात कॉल पर तुरंत हस्तक्षेप किया जा सके। साथ ही शिकायतों के निपटारे के लिए एक व्यापक तंत्र तैयार किया गया है, जिससे हर सूचना पर त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित होगी।
सोशल मीडिया और भड़काऊ पोस्ट पर भी नकेल
डीजीपी ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ और कट्टर संदेश फैलाने वालों की पहचान कर ली गई है। जो लोग गाली-गलौज या दंगा भड़काने वाली पोस्ट डाल रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर कानूनी कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा चुनाव शांति से संपन्न कराना प्राथमिकता है और इसके लिए तकनीकी और मानवीय दोनों तरह के संसाधन लगाए गए हैं।
कट्टा या फायर आर्म दिखाई तो बिना कसूर बख्शा नहीं जाएगा
विशेष रूप से उन्होंने यह सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया कि मतदान के दौरान कट्टा लहराने या असलहा दिखाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। गुरुवार (6 नवंबर) को चुनाव स्थलों और आसपास की जगहों पर पुलिस की नजर हर जगह रहेगी — न सिर्फ़ शारीरिक रूप से बल तैनात रहेगा, बल्कि नजर रखे जाने वाले क्षेत्रों में निगरानी भी तेज की जाएगी।
कानून-विधि के उल्लंघन पर सख्त कदम
डीजीपी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी आपराधिक घटना में शामिल पाया जाता है या मतदान को प्रभावित करने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ चुनाव के बाद भी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी और उसे जेल भी भेजा जा सकता है। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर संभव कदम उठाकर चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराएगा।
एफआईआर मामले पर भी दिया जवाब
इस दौरान केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) के विरुद्ध दर्ज एफआईआर के संदर्भ में डीजीपी ने कहा कि जहां भी उल्लंघन का मामला आता है, कानून की प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाती है और संबंधित धाराएँ लागू कर एफआईआर दर्ज कर दी जाती है।
डीजीपी विनय कुमार के ये बयान चुनाव से ठीक पहले सुरक्षा के मद्देनज़र जारी किए गए सख्त संदेश की ओर इशारा करते हैं — प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मतदान का माहौल बिगाड़ने वालों के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।









