BIHAR POLITICS: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में अब तीन हफ्ते से भी कम का समय बचा है और सियासी सरगर्मी अपने चरम पर है। आज यानी सोमवार को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख है, और जहां NDA ने सीट शेयरिंग के बाद अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, वहीं महागठबंधन में अब भी असमंजस और मतभेद जारी नजर आ रहा है।
इसी बीच बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बीते दिन (19 अक्टूबर) को विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा, “इनका हाल देखिए, चुनाव लड़ने से पहले ही आपस में लड़ रहे हैं। महागठबंधन में कौन किसके साथ है, किसी को नहीं पता। उलटी गिनती शुरू हो चुकी है।”
“महागठबंधन है भी या नहीं, यह सबसे बड़ा सवाल”
सम्राट चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जनता को आज तक यह नहीं समझ आया कि महागठबंधन का स्वरूप क्या है। उन्होंने कहा, “पता ही नहीं चल पा रहा कि गठबंधन हुआ भी है या नहीं। महागठबंधन है या नहीं, यही सबसे बड़ा प्रश्न है। कोई यह भी नहीं बता पा रहा कि मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा।”
NDA ने दिखाई एकजुटता, INDI में मचा घमासान
जहां एक ओर NDA ने सीट बंटवारा और उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं, वहीं INDI गठबंधन के भीतर मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची में 5 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, लेकिन RJD और वामदलों के बीच सीटों को लेकर खींचतान जारी है।
सम्राट चौधरी ने कहा, “INDI गठबंधन नाम का तो बड़ा है, लेकिन अंदर से बिखरा हुआ है। एक-दूसरे के खिलाफ ही ये चुनाव लड़ रहे हैं।”
“बिहार की जनता ठान चुकी है — फिर NDA सरकार”
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की जनता अब विकास और स्थिरता चाहती है। “NDA सरकार ने जो काम किया है, उस पर जनता का भरोसा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में विकास की नई कहानी लिखी जा रही है,” उन्होंने कहा।
पहले चरण में 19 दिन शेष, सियासी पारा चढ़ा
पहले चरण में जिन जिलों में मतदान होना है, वहां सभी दलों ने प्रचार अभियान तेज कर दिया है। जहां NDA एकजुट होकर मैदान में उतरा है, वहीं विपक्षी गठबंधन में सीटों की उलझन और नेतृत्व को लेकर भ्रम अब भी कायम है। बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत राज्य की सभी 243 सीटों पर मतदान दो चरणों में होगा — पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। वहीं, मतगणना 14 नवंबर 2025 को की जाएगी।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि सम्राट चौधरी के इस बयान ने चुनावी माहौल को और अधिक गरमा दिया है, और अब महागठबंधन पर एकजुटता साबित करने का दबाव बढ़ गया है।