लद्दाख के प्रमुख सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह कदम हाल ही में लद्दाख में हुई हिंसा के बाद उठाया गया। वांगचुक को शुक्रवार को उस समय हिरासत में लिया गया जब वे दोपहर 2:30 बजे प्रस्तावित प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने वाले थे। गिरफ्तारी लेह पुलिस ने की, जिसके चलते व्यापक प्रतिक्रियाएं सामने आईं और चल रहे प्रदर्शनों को लेकर चिंताएं और गहरी हो गईं। वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया है, हालांकि उन्हें अभी जेल नहीं भेजा गया है।
NGO का लाइसेंस रद्द होने के बाद बढ़ा विवाद
एक दिन पहले ही वांगचुक की गैर-लाभकारी संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए (FCRA) के तहत विदेशी फंडिंग लेने का पंजीकरण गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया था।
वांगचुक की प्रतिक्रिया
सरकारी कदमों पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनम वांगचुक ने कहा कि लद्दाख में हालिया हिंसक प्रदर्शनों के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना ‘‘बलि का बकरा’’ बनाने की रणनीति है। उनका कहना था कि यह हिमालयी क्षेत्र की असल समस्याओं से ध्यान हटाने की कोशिश है। वांगचुक ने यह भी कहा कि वे जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) जैसे कड़े कानून के तहत गिरफ्तारी का सामना करने के लिए तैयार हैं।