मोबाइल ने जिंदगी आसान बना दी है—घर बैठे काम करने की सुविधा, हर वक्त ऑनलाइन कनेक्टिविटी, बेड पर लेटे मूवी देखने का मज़ा और बाहर निकले बिना शॉपिंग करने की सहूलियत। लेकिन इन आरामों की असली कीमत अब सेहत और मानसिक संतुलन से चुकाई जा रही है. आइए जानते हैं स्मार्टफोन के लगातार इस्तेमाल से होने वाले नुकसान, जिन पर शायद आपने पहले गौर नहीं किया होगा।
- लत लग जाना
स्मार्टफोन की सबसे बड़ी समस्या है इसकी एडिक्शन. आज के दौर में ऐप्स और डिजिटल कंटेंट इस तरह तैयार किए जाते हैं कि लोग स्क्रीन पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं. नतीजा यह होता है कि यूजर्स फोन के इतने आदी हो जाते हैं कि बाकी जरूरी कामों पर ध्यान ही नहीं दे पाते।
- नींद पर असर
रात देर तक मोबाइल चलाने की आदत ने नींद के पैटर्न को पूरी तरह बिगाड़ दिया है. नींद पूरी न होने से थकान बढ़ती है और दिनभर कामकाज पर असर पड़ता है. इसके अलावा लंबे समय तक स्क्रीन देखने से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी कम होती जा रही है।
- प्राइवेसी पर खतरा
मोबाइल में बैंक डिटेल्स से लेकर पर्सनल फोटो तक हर चीज मौजूद रहती है. इंटरनेट से जुड़े होने के चलते यह डेटा हैकिंग और साइबर अटैक का आसान शिकार बन सकता है. ऐसे में प्राइवेसी के उल्लंघन का खतरा हमेशा बना रहता है।
- साइबर क्राइम का शिकार
स्कैमर्स और हैकर्स मोबाइल और इंटरनेट यूजर्स पर लगातार नजर रखते हैं. फिशिंग, मालवेयर और स्किमिंग जैसी ट्रिक्स से लोग उनके जाल में फंस जाते हैं और कई बार ब्लैकमेलिंग व फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं।
- मानसिक स्वास्थ्य पर असर
वर्चुअल दुनिया ने भले ही हजारों ऑनलाइन दोस्त दिए हों, लेकिन असल जिंदगी में लोगों के बीच की दूरी बढ़ा दी है. यह अकेलापन धीरे-धीरे एंग्जायटी और डिप्रेशन का कारण बन रहा है. यही वजह है कि एक्सपर्ट्स असली रिश्तों में समय देने की सलाह देते हैं।
- बिगड़ती सेहत
मोबाइल ने इंसान को घर तक सीमित कर दिया है. कम चलना-फिरना, कम एक्सरसाइज और घंटों स्क्रीन पर नजर गड़ाए रहने से मोटापा, सिर दर्द और आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ रहा है।









