मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद उनकी सुरक्षा व्यवस्था में अहम फेरबदल किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अब जनसुनवाई कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा के नए नियम लागू होंगे। इस व्यवस्था के तहत कोई भी व्यक्ति सीधे सीएम के करीब नहीं पहुंच सकेगा। शिकायतकर्ता की शिकायत पहले वेरिफाई की जाएगी और उसके बाद ही उसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाया जाएगा। इस दौरान सीएम के क्लोज प्रोटेक्शन के लिए सीआरपीएफ के जवान तैनात रहेंगे।
बाहर की सुरक्षा जस की तस
हालांकि, रेखा गुप्ता के नियमित मूवमेंट और बाहरी कार्यक्रमों के दौरान उनकी मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्हें पहले से ही जेड प्लस सुरक्षा कवर मिला हुआ है, जिसमें किसी तरह की कटौती नहीं की गई है। केवल जनसुनवाई के समय सुरक्षा घेरा और कड़ा किया जाएगा।
केंद्र ने दी सीआरपीएफ की जिम्मेदारी
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार ने सीएम रेखा गुप्ता की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ को सौंपने का फैसला लिया है। हमले की घटना के बाद केंद्र ने उन्हें Z कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की है। इसके तहत सीआरपीएफ के प्रशिक्षित जवान उनके क्लोज प्रोटेक्शन में तैनात होंगे।
बुधवार को हुआ था हमला
बुधवार सुबह सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित ‘जनसुनवाई’ के दौरान एक व्यक्ति ने सीएम रेखा गुप्ता पर हमला कर दिया था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे ‘‘हत्या की सोची-समझी साजिश’’ बताया। दिल्ली पुलिस ने मामले में हत्या के प्रयास की धारा में केस दर्ज कर आरोपी राजेश खिमजी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
पूरी तैयारी के साथ आया आरोपी
41 वर्षीय राजेशभाई खिमजीभाई, जो गुजरात के राजकोट का निवासी है, हमले से पहले पूरी तैयारी कर चुका था। सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि आरोपी ने घटना से एक दिन पहले मुख्यमंत्री आवास की रेकी की और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की। फुटेज में वह फोन पर किसी से बात करते और परिसर की गतिविधियों पर नजर रखते हुए साफ दिखाई देता है।
पूछताछ में भैरो बाबा का जिक्र
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी ने पूछताछ में दावा किया कि भैरव स्वरूप में आए एक कुत्ते ने उसे दिल्ली जाकर अपनी बात रखने का आदेश दिया था। उसका कहना है कि वह शिव मंदिर बनाकर पूजा करता है और शिवलिंग में भगवान शिव के भैरव स्वरूप के दर्शन हुए थे। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उज्जैन जाने के बाद भी उसे वही “आदेश” मिला और इसके बाद वह दिल्ली पहुंचा।