Uttarakhand Floods: मंगलवार दोपहर उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले में बादल फटने की घटना में चार लोगों की मौत हो गई है और कम से कम 50 लोग लापता हैं। इस घटना के चलते धराली गांव में अचानक भूस्खलन और बाढ़ आ गई, जहां कई होटल, रेस्टोरेंट्स और होमस्टे हैं। बाढ़ के दृश्यों में देखा गया कि घर ताश के पत्तों की तरह गिरकर बहते चले गए। स्थानीय लोगों की चीख-पुकार भी सुनी गई। राज्य के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उफनती हुई बाढ़ का पानी एक ही पहाड़ी के दो अलग-अलग तरफ बहा — एक ओर धराली की तरफ और दूसरी ओर सुकी गांव की ओर। बादल फटने की इस घटना ने उत्तरकाशी ज़िले के हर्षिल क्षेत्र में तबाही मचाई, जहां भारतीय सेना के 11 जवान एक कैंप से लापता बताए जा रहे हैं। उत्तरकाशी में अब भी रेड अलर्ट जारी है। राज्य सरकार ने निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं:
01374-222722, 7310913129, 7500737269, 0135-2710334, 2710335, 8218867005, 9058441404
हरसिल में राहत सामग्री पहुंचाएगी भारतीय वायुसेना– उत्तराखंड के हरसिल में आई फ्लैश फ्लड के बाद, जिसने घाटी को मुख्य भूभाग से अलग-थलग कर दिया है, भारतीय वायुसेना (IAF) ने तत्काल राहत अभियान शुरू कर दिया है। बरेली में तैनात एमआई-17 और ALH Mk-III हेलीकॉप्टरों के साथ-साथ आगरा में स्थित AN-32 और C-295 विमानों को भी राहत कार्यों के लिए तैयार रखा गया है। रातभर की तैयारियों के बाद, राहत और बचाव सामग्री हेलीकॉप्टरों में लोड कर दी गई है। हालांकि, घना कोहरा और बारिश की वजह से ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उड़ान भरने में बाधा आ रही है। जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, वायुसेना इस आपदा से निपटने के लिए नागरिक-सेना संयुक्त अभियान की शुरुआत करेगी।
सभी एजेंसियां राहत कार्यों में जुटीं- भारतीय सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्थानीय लोगों सहित सभी एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जो उत्तरकाशी के धराली गांव पहुंचे हैं, ने बताया कि अब तक लगभग 130 लोगों को बचाया जा चुका है। उन्होंने कहा, “खराब मौसम के कारण कई इलाकों की सड़क संपर्क कट गया है और पुलों को नुकसान हुआ है। प्रभावित लोगों तक पहुंच पाना और राहत पहुंचाना कठिन हो रहा है, लेकिन बचाव और राहत प्रयास लगातार जारी हैं।” मुख्यमंत्री धामी ने आगे कहा कि राहत कार्यों में दस डिप्टी एसपी, तीन एसपी और 160 अन्य पुलिस अधिकारी तैनात हैं। देहरादून स्थित आपदा प्रबंधन संचालन केंद्र 24 घंटे लगातार सहायता प्रदान करने के लिए कार्यरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से की बात, राहत कार्यों की जानकारी ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के धराली गांव में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री को रातभर चले राहत अभियानों, लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और आवश्यक सेवाओं व संसाधनों की उपलब्धता की जानकारी दी गई। मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मैं लगातार राहत अभियान में लगी टीम से संपर्क में हूं और स्वयं धराली जाकर मौके का निरीक्षण करूंगा।” बता दें कि मंगलवार को धराली में भारी बादल फटने से आई विनाशकारी बाढ़ ने घरों, पेड़ों और वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया। दर्जनों लोग फंसे रह गए और अब तक कम से कम चार लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड में बाढ़ में बह गई कार, लोग अंदर फंसे थे
एक वीडियो में दिखा कि एक कार, जिसमें लोग फंसे हुए थे, बाढ़ के पानी में बह गई। एक व्यक्ति चिल्लाते हुए कहता है, “वो देखो गाड़ी!” कार कीचड़ में लहरों की तरह बहती जा रही थी। दूसरा व्यक्ति कहता है, “आदमी पूरा भरा हुआ है, आदमी है इसमें, आदमी है।” तीसरा पूछता है, “आदमी है इसमें?” पहला व्यक्ति जवाब देता है, “हां हां आदमी है।” वीडियो 30 सेकंड में कट हो जाता है और कार तब तक भी बहती नजर आ रही थी। इसके बाद कार का क्या हुआ, यह पता नहीं चल पाया।
क्या उत्तराखंड की बाढ़ के लिए जलवायु परिवर्तन को दोष देना चाहिए?
उत्तराखंड में बादल फटने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जो संभावित रूप से जलवायु परिवर्तन से जुड़ी हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों जैसे धराली गांव में लचीलापन बढ़ाने के लिए एकीकृत बाढ़ प्रबंधन रणनीतियों की आवश्यकता है। साउथ एशिया नेटवर्क ऑन डैम्स, रिवर्स एंड पीपल्स के हिमांशु ठक्कर ने कहा कि शुरुआती चेतावनी प्रणालियों, वर्षा के वर्तमान और अनुमानित पैटर्न के आधार पर नदियों के प्रवाह के लिए पर्याप्त जगह, और मजबूत निगरानी एवं आपदा प्रबंधन तंत्र की जरूरत है। उन्होंने स्वतंत्र मूल्यांकन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पोस्ट-डिज़ास्टर रिव्यू की भी वकालत की। उन्होंने कहा, “हम जलवायु परिवर्तन को एक बहाने की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकते। हमें पता है कि इस तरह की घटनाएं अब अधिक होने लगी हैं, तो हमें तैयार रहना चाहिए बजाय इसके कि हम इसे जलवायु परिवर्तन पर टाल दें।”
“सब कुछ खत्म हो गया”: तबाही के बाद का दर्दनाक दृश्य– “सब कुछ खत्म हो गया” — ये शब्द उस वीडियो में सुनाई दिए, जो सोशल मीडिया पर सामने आया। वीडियो में दिखा कि कैसे धराली गांव में बादल फटने के बाद बाढ़ ने सब कुछ तबाह कर दिया।
हरसिल में सेना के कैंप पर भी असर, कम से कम 11 जवान लापता– उत्तरकाशी के धराली गांव में भूस्खलन के बाद हरसिल में सेना के कैंप को मलबे और बादल फटने का सामना करना पड़ा। इसमें कम से कम 11 जवान लापता बताए जा रहे हैं।
धराली में बचाव कार्य में जुटे सेना के 150 जवान- उत्तरकाशी के धराली गांव में मंगलवार दोपहर से राहत और बचाव कार्य जारी हैं। इसमें सेना के 150 जवान तैनात हैं। 14 राज राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल हर्षवर्धन ने यह जानकारी दी। सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों के माध्यम से आवश्यक आपूर्ति, दवाइयां और फंसे लोगों की निकासी के लिए समन्वय किया जा रहा है। इस बीच, लगातार बारिश और जलस्तर बढ़ने के कारण लोगों को ऊंचाई वाले स्थानों पर भेजा जा रहा है।
चमोली में भी बारिश के चलते हाईवे बंद
- चमोली ज़िले में बारिश के कारण बद्रीनाथ हाईवे तीन जगहों — नंदप्रयाग, कर्णप्रयाग, उमठा और पागल नाला के पास बंद हो गया है।
- भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मार्ग तपोवन के पास से बंद है।
- जोशीमठ-मलारी हाईवे पर भी रैणी गांव में दरारें आई हैं।
उत्तरकाशी में भूस्खलन के कारण रास्ता बंद
नालूपानी के पास हाईवे भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है एसडीआरएफ की टीम को वहीं रुकना पड़ा।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ से अब तक 192 मौतें
उत्तराखंड के बाद अब हिमाचल प्रदेश में भी बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं। 20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से हिमाचल में अब तक 192 मौतें हो चुकी हैं, 301 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग लापता हैं। मंडी ज़िले में सबसे अधिक 42 मौतें और 27 लोग लापता बताए गए हैं। राज्य को अब तक ₹1,753 करोड़ का नुकसान हुआ है, जिसमें से सार्वजनिक निर्माण विभाग को ₹888 करोड़ का नुकसान हुआ है।
धराली से 50 किलोमीटर दूर भटवाड़ी में हाईवे ढहा
उत्तरकाशी के भटवाड़ी क्षेत्र में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग का 30 मीटर हिस्सा ढह जाने के कारण राहत टीम आगे नहीं बढ़ पा रही है। राहत टीम को भटवाड़ी से लगभग 50 किमी दूर घरावी गांव जाना है, लेकिन सड़क ढह जाने के कारण वहां नहीं पहुंच पा रही।
उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद गांव बाढ़ में बह गए
मंगलवार दोपहर भारी बारिश के बीच उत्तरकाशी के धराली गांव में बाढ़ का पानी पूरे वेग से बहता हुआ आया और जो कुछ भी सामने था, सब कुछ बहा ले गया।