पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के प्रति अपना रुख और सख्त कर लिया है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से किसी भी प्रकार का आयात पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है। यह प्रतिबंध न केवल प्रत्यक्ष, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले सभी आयातों पर भी लागू होगा। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है और इसमें वे वस्तुएं भी शामिल हैं जिन्हें अब तक विशेष परमिट या ई-कॉमर्स के जरिए मंगवाया जा रहा था।
सरकार के इस फैसले का सीधा संकेत है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, तब तक उससे किसी भी स्तर पर सहयोग संभव नहीं है – चाहे वह व्यापार हो या कूटनीति।
पाकिस्तान को आर्थिक मोर्चे पर झटका
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है, और भारत से आयात पर रोक के बाद वहां के कुछ उद्योगों पर बड़ा असर पड़ने की संभावना है। भारत से आयातित होने वाली वस्तुओं में सीमेंट, ड्राय फ्रूट्स और कई अन्य दैनिक उपयोग की चीजें शामिल थीं। इस कदम से पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार पर और दबाव बढ़ेगा और उसकी वैश्विक साख को भी नुकसान पहुंचेगा – खासकर तब, जब वह पहले ही FATF जैसी संस्थाओं की नजर में है।
2019 के बाद सबसे बड़ा व्यापारिक कदम
गौरतलब है कि 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया था। उसके बाद से व्यापार संबंधों में लगातार कटौती की जा रही थी। हाल ही में बाघा-अटारी बॉर्डर को बंद करने, सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार, और वीजा सस्पेंशन जैसे कदम उठाए जा चुके हैं। अब आयात पर पूर्ण प्रतिबंध भारत की आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है।