अगर आप पर्सनल लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो सबसे पहले जानना जरूरी है कि आपकी सैलरी के आधार पर बैंक आपको कितना लोन दे सकता है। पर्सनल लोन उन आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त होता है जिन्हें आप तुरंत पूरा करना चाहते हैं, जैसे शादी, ट्रैवल, शिक्षा या मेडिकल खर्च। यह आपकी बचत को प्रभावित किए बिना तुरंत सहायता प्रदान करता है। हालांकि, लोन के साथ आपको ब्याज सहित किस्तें चुकानी होती हैं।
अधिकतर बैंक पर्सनल लोन पर लगभग 10% से 12% तक की ब्याज दर वसूलते हैं, लेकिन यह दर हर बैंक और ग्राहक की प्रोफाइल के अनुसार बदल सकती है। लोन की रकम मुख्य रूप से आपकी मासिक आय, आर्थिक स्थिति और क्रेडिट स्कोर पर आधारित होती है।
बैंक कैसे तय करता है लोन अमाउंट?
कई बैंक “मल्टीप्लायर नियम” को अपनाते हैं। इस नियम के तहत आपकी मासिक सैलरी का 10 से लेकर 24 गुना तक लोन दिया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपकी सैलरी ₹40,000 है और बैंक 24 गुना तक लोन देता है, तो आपको अधिकतम ₹9.60 लाख तक लोन मिल सकता है। इसी तरह, ₹30,000 की सैलरी पर ₹7.20 लाख और ₹20,000 की सैलरी पर ₹4.80 लाख तक लोन मिल सकता है।
क्रेडिट स्कोर की भूमिका
आपके लोन की योग्यता और ब्याज दर पर सबसे अहम असर डालता है आपका क्रेडिट स्कोर, जिसे सिबिल स्कोर भी कहा जाता है। यह स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री, जैसे समय पर क्रेडिट कार्ड भुगतान और ईएमआई चुकाने पर आधारित होता है। स्कोर 300 से 900 तक के बीच होता है, और 750 या उससे ऊपर का स्कोर बेहतर माना जाता है। यदि आपका स्कोर उच्च है, तो न सिर्फ लोन मिलने की संभावना बढ़ती है, बल्कि आपको कम ब्याज दर पर ज्यादा लोन भी मिल सकता है।
पर्सनल लोन लेने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि बैंक आपकी आय, सिबिल स्कोर और वित्तीय स्थिति को देखकर ही लोन की राशि और ब्याज दर तय करता है। अतः सैलरी स्लिप और क्रेडिट स्कोर को समय पर अपडेट और सही रखना फायदेमंद रहता है।