पुलवामा हमले की छठी बरसी: पीएम मोदी और अन्य नेताओं ने शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

0
5
Pulwama Attack
Pulwama Attack

14 फरवरी 2019—यह दिन भारतीय इतिहास में एक गहरे जख्म के रूप में दर्ज है। इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। विस्फोटकों से लदी एक कार ने जवानों की बस को टक्कर मार दी थी, जिससे यह भीषण हमला हुआ। आज इस घटना को छह साल पूरे हो गए हैं, लेकिन इसके दर्द और शहीदों के बलिदान को देश आज भी नहीं भूला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा हमले की बरसी पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “2019 में पुलवामा में हमने जिन साहसी नायकों को खो दिया, उन्हें श्रद्धांजलि। आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान और राष्ट्र के प्रति उनके अटूट समर्पण को कभी नहीं भूलेंगी।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस हमले में शहीद जवानों को नमन किया। उन्होंने लिखा, “आज ही के दिन 2019 में भारत ने पुलवामा में एक आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के वीर जवानों को खो दिया था। देश के लिए उनका बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनके परिवारों के प्रति अपना समर्थन प्रकट करता हूं। भारत जवानों की वीरता का सम्मान करने के लिए एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है।”

गृहमंत्री अमित शाह का बयान

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी पुलवामा के शहीदों को नमन करते हुए कहा, “2019 में पुलवामा में हुए कायराना आतंकी हमले में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आतंकवाद समूची मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन है, और इसके खिलाफ पूरी दुनिया संगठित हो चुकी है। चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक, मोदी सरकार आतंकवादियों के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाकर उनके समूल नाश के लिए संकल्पित है।”

आखिर पुलवामा में उस दिन क्या हुआ था?

14 फरवरी 2019 को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सीआरपीएफ के जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी कार को सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था, जिससे यह भीषण विस्फोट हुआ। उस समय सीआरपीएफ के 60 से अधिक सैन्य वाहन जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहे थे।

इस हमले की साजिश पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में सामने आया कि काकापोरा का एक दुकानदार शाकिर बशीर इस हमले की साजिश में शामिल था। जांच में यह भी पता चला कि हमले के लिए इस्तेमाल किए गए विस्फोटक पहले से ही शाकिर के घर पर जमा किए गए थे। इसके अलावा, उसने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को अपने घर में ठहरने की भी सुविधा दी थी।

NIA ने इस हमले की जांच के बाद 13,500 पेज की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 19 लोगों को आरोपी बनाया गया। चार्जशीट में खुलासा हुआ कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमर को इस हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हमले की योजना उमर ने बनाई थी, लेकिन हमला कहां और कैसे किया जाएगा, इसका सुझाव शाकिर ने दिया था।

भारत ने लिया बदला—बालाकोट एयरस्ट्राइक

पुलवामा हमले के बाद भारत ने इसका करारा जवाब दिया। 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की। 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर अंदर घुसकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में कई आतंकवादी मारे गए और जैश के कई ठिकाने नष्ट हो गए।

पुलवामा के शहीदों को हमेशा याद रखेगा देश

आज इस घटना को छह साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत को देश कभी नहीं भूलेगा। सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रखने का संकल्प दोहराया है, और यह सुनिश्चित किया है कि शहीदों का बलिदान व्यर्थ न जाए।