चीनी AI DeepSeek पर बढ़ती चिंता: इटली और आयरलैंड ने लगाया प्रतिबंध

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AI DeepSeek
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चीन का नया AI टूल DeepSeek लॉन्च होते ही चर्चा में आ गया है, लेकिन इसके इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। डेटा प्राइवेसी और साइबर सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के चलते कई देश इस पर सख्त रुख अपना रहे हैं। इटली और आयरलैंड ने DeepSeek पर प्रतिबंध लगाते हुए इसकी सुरक्षा नीतियों की जांच शुरू कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूल उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी के लिए खतरा बन सकता है, जिससे वैश्विक स्तर पर इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

DeepSeek पर क्यों उठ रहे हैं सवाल?

DeepSeek को लेकर सबसे बड़ी चिंता डेटा प्राइवेसी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टूल यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारियाँ चुरा सकता है। आशंका है कि चीन इस AI टूल का उपयोग फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर में सेंध लगाने के लिए कर सकता है। इससे पहले, एआई टूल विकसित करने में बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता होती थी, लेकिन चीन ने इसे कम लागत में तैयार किया है, जिससे इसकी सुरक्षा नीतियों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

इटली और आयरलैंड ने क्यों लगाया प्रतिबंध?

इटली की डेटा सुरक्षा एजेंसी ने DeepSeek को बैन करने के बाद एक आधिकारिक बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि चीनी कंपनियाँ हांग्जो डीपसीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बीजिंग डीपसीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इतालवी उपयोगकर्ताओं के डेटा को कैसे प्रोसेस कर रही हैं, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। DeepSeek के एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए कौन सा डेटा उपयोग किया गया और उसे कैसे जुटाया गया, इस पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसी कारण इटली ने इस पर अस्थायी प्रतिबंध लगाकर जांच शुरू कर दी है।

DeepSeek की डेटा कलेक्शन नीति

DeepSeek के पास अपनी प्राइवेसी पॉलिसी है, जिसमें बताया गया है कि यह तीन तरह से डेटा जुटाता है:

  • यूजर द्वारा दिया गया डेटा: जब कोई व्यक्ति अकाउंट बनाता है, तो वह नाम, ईमेल और टेलीफोन नंबर जैसी जानकारी दर्ज करता है।
  • ऑटोमैटिक डेटा कलेक्शन: यह टूल डिवाइस की जानकारी और नेटवर्क कनेक्शन डेटा इकट्ठा करता है।
  • अन्य स्रोतों से डेटा संग्रह: DeepSeek कुछ डेटा बाहरी स्रोतों से भी प्राप्त करता है, लेकिन इसकी विस्तृत जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध नहीं है।

DeepSeek की डेटा सुरक्षा नीति पर अनिश्चितता के कारण कई देशों ने इसे लेकर कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इटली और आयरलैंड के प्रतिबंध के बाद अन्य देश भी इसकी समीक्षा कर सकते हैं। इस घटना ने एआई और डेटा प्राइवेसी के संबंध में वैश्विक बहस को और तेज कर दिया है। अब यह देखना होगा कि DeepSeek इन आरोपों का क्या जवाब देता है और क्या यह अपनी प्राइवेसी नीतियों को और अधिक पारदर्शी बनाएगा।