भारत ने 76वें गणतंत्र दिवस का भव्य आयोजन रविवार को कर्तव्य पथ पर किया, जिसमें देश की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता, सरकारी योजनाओं की सफलता और महिला सशक्तीकरण की अद्भुत झलक देखने को मिली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और मुख्य अतिथि इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो पारंपरिक बग्गी में सवार होकर समारोह स्थल से रवाना हुए, जिसके साथ ही परेड का औपचारिक समापन हुआ।
देश इस वर्ष गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया, जिसके बाद राष्ट्रगान की धुन बजी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इसके साथ ही 21 तोपों की सलामी दी गई।
कर्तव्य पथ पर भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलिकॉप्टरों ने पुष्पवर्षा की, और परेड में इंडोनेशिया के 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड दस्ते ने शानदार प्रदर्शन किया। परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाकर की गई।
परेड के कमांडर दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार थे, जबकि सेकेंड-इन-कमांड मेजर जनरल सुमित मेहता थे। परेड में परमवीर चक्र और अशोक चक्र से सम्मानित वीरता पुरस्कार विजेताओं ने भी भाग लिया।
आंध्र प्रदेश की झांकी ने बटोरी वाहवाही
पर्यावरण के अनुकूल खिलौनों पर आधारित आंध्र प्रदेश की झांकी को दर्शकों की जबरदस्त सराहना मिली। ‘एटिकोप्पका बोम्मालू’ के नाम से मशहूर ये खिलौने एटिकोप्पका गांव में बनाए जाते हैं और पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
उत्तर प्रदेश की झांकी में दिखी महाकुंभ की झलक
इस वर्ष उत्तर प्रदेश की झांकी की थीम ‘महाकुंभ 2025’ पर आधारित रही, जिसमें राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास को प्रस्तुत किया गया।
मध्य प्रदेश की झांकी – चीता द प्राइड ऑफ इंडिया
मध्य प्रदेश की झांकी ‘चीता द प्राइड ऑफ इंडिया’ थीम पर केंद्रित रही, जिसमें कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की ऐतिहासिक वापसी को दर्शाया गया।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की झांकी में योजनाओं की झलक
इस झांकी में सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को दर्शाया गया और महिला सशक्तीकरण की दिशा में की गई प्रगति को प्रस्तुत किया गया।
भारतीय नौसेना की झांकी में दिखे अग्रणी युद्धपोत
नौसेना की झांकी में आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरी और आईएनएस वाघशीर को प्रदर्शित किया गया, जो हाल ही में राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं।
जनजातीय मंत्रालय की झांकी में बिरसा मुंडा का सम्मान
इस झांकी में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव वर्ष की उत्पत्ति को दर्शाया गया, जिसमें आदिवासी समुदायों की ऐतिहासिक विरासत को उजागर किया गया।
पशुपालन विभाग की झांकी – श्वेत क्रांति 2.0
इस झांकी में भारत को दुनिया के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक देश के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसमें पशुपालन और डेयरी उद्योग की प्रगति को दर्शाया गया।
सामाजिक न्याय मंत्रालय की झांकी में संविधान का महत्व
संविधान की 75वीं वर्षगांठ को दर्शाती इस झांकी में भारतीय संविधान को देश के एकता और प्रगति के आधार के रूप में प्रदर्शित किया गया।
ग्रामीण विकास मंत्रालय की झांकी – लखपति दीदी योजना
झांकी में ‘लखपति दीदी योजना’ को दर्शाया गया, जो महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का प्रतीक है।
वित्तीय सेवा विभाग की झांकी – बैंकिंग सेवाओं में प्रगति
इस झांकी में डिजिटल बैंकिंग, यूपीआई और वित्तीय समावेशन को दर्शाया गया, जो भारत के आर्थिक विकास को गति प्रदान कर रहे हैं।
मौसम विज्ञान विभाग की झांकी – मौसम पूर्वानुमान की भूमिका
इसमें चक्रवात ‘दाना’ के सटीक पूर्वानुमान और किसानों को इससे मिले लाभ को दर्शाया गया।
गुजरात की झांकी – इतिहास और आधुनिकता का संगम
गुजरात की झांकी में वडनगर के ऐतिहासिक कीर्ति तोरण और वडोदरा में स्थित सी-295 विमान निर्माण इकाई को प्रदर्शित किया गया।
संस्कृति मंत्रालय की झांकी में कोणार्क चक्र
इस झांकी में कोणार्क चक्र को भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक प्रगति का प्रतीक दर्शाया गया।
इंडोनेशियाई सैन्य टुकड़ी ने बढ़ाया परेड का गौरव
इंडोनेशिया की 152 सदस्यीय सैन्य टुकड़ी और बैंड ने पहली बार भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया, जिसने ‘भिन्नेका तुंगगल इका’ (विविधता में एकता) की भावना को प्रस्तुत किया।
कर्तव्य पथ पर आयोजित इस ऐतिहासिक गणतंत्र दिवस परेड ने भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और विकास की झलक प्रस्तुत करते हुए ‘विकसित भारत’ के संकल्प को और मजबूत किया।