कोलकाता डॉक्टर रेप और हत्या मामले में संजय रॉय दोषी करार

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कोलकाता डॉक्टर रेप और हत्या मामले में संजय रॉय दोषी करार
कोलकाता डॉक्टर रेप और हत्या मामले में संजय रॉय दोषी करार

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर के साथ 9 अगस्त 2024 को हुई रेप और हत्या के मामले में आरोपी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इस घटनाक्रम में 161 दिनों के बाद पीड़िता के परिवार को न्याय मिला है। इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया और कोलकाता में डॉक्टरों और नागरिकों ने इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किए थे। कोर्ट द्वारा आरोपी को दोषी ठहराए जाने के बाद अब 20 जनवरी 2025 को सजा सुनाई जाएगी, जो इस केस के एक महत्वपूर्ण मोड़ का प्रतीक बनेगा।

यह मामला 9 अगस्त 2024 की सुबह का है, जब कोलकाता के उत्तरी इलाके में स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज की एक महिला डॉक्टर का शव सेमिनार रूम में पाया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि आरोपी ने पहले पीड़िता का रेप किया और फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। आरोपी संजय रॉय पर यह आरोप था कि उसने दो बार पीड़िता का गला घोंटा ताकि उसकी मृत्यु सुनिश्चित हो सके।

आरोपी संजय रॉय ने कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उसे झूठे आरोपों में फंसाया गया है। उसने यह भी आरोप लगाया कि इस मामले में एक आईपीएस अधिकारी भी शामिल है, और उसे छोड़ दिया गया है। हालांकि, अदालत ने उसकी बातों को खारिज कर दिया और उसे दोषी करार दिया। इस मामले में 50 गवाहों से पूछताछ की गई थी और कोर्ट ने सभी गवाहों के बयान को ध्यान में रखते हुए अपना फैसला सुनाया।

मामले की जांच और विरोध प्रदर्शन

आरंभ में मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने यह दावा किया था कि डॉक्टर की मौत आत्महत्या का परिणाम थी, लेकिन बाद में मामले की गहन जांच ने यह साबित किया कि यह हत्या थी। इस मामले की सच्चाई ने न केवल कोलकाता बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इसके बाद, कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों ने पीड़िता को न्याय दिलाने और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए व्यापक विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध के कारण राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गईं और यह आंदोलन दो महीने से अधिक समय तक चला।

कोर्ट का निर्णय और आगे की कार्रवाई

कोर्ट द्वारा आरोपी संजय रॉय को दोषी ठहराए जाने के बाद अब 20 जनवरी 2025 को उसकी सजा का ऐलान किया जाएगा। इस फैसले से पीड़िता के परिवार को न्याय मिला है, लेकिन यह भी सवाल उठाता है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जाएंगे। पूरे मामले ने यह स्पष्ट कर दिया कि महिला डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर स्वास्थ्य विभाग और सरकारी संस्थाओं को गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।

कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुए रेप और हत्या के इस जघन्य अपराध ने समाज को झकझोर दिया है। इस मामले में अदालत का फैसला न्याय की दिशा में एक अहम कदम है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर कदम उठाने की आवश्यकता है। न्याय पाने के लिए पीड़िता के परिवार को 161 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ा, लेकिन अब उम्मीद है कि इस फैसले से अन्य महिलाओं को सुरक्षा का एहसास होगा और अपराधियों के लिए कड़ा संदेश जाएगा।