भारत में धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक कार्यक्रमों और दुर्घटनाओं के कारण मची भगदड़ों की घटनाओं ने 2024 को एक दुखद वर्ष बना दिया। इन घटनाओं में सैकड़ों लोगों की जान चली गई और अनगिनत लोग घायल हुए। विशेष रूप से तिरुपति मंदिर की भगदड़, हाथरस, राजकोट और दिल्ली जैसे स्थानों पर हुई घटनाएँ देशभर में दिल दहला देने वाली रही।
तिरुपति मंदिर में मची भगदड़
2024 के जनवरी में आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में हुई भगदड़ ने सभी को स्तब्ध कर दिया। यह घटना तब घटी जब श्रद्धालु वैकुंठ द्वार के दर्शन के लिए टोकन लेने के बाद काउंटर के पास लंबी कतार में खड़े थे। खबरों के अनुसार, लगभग 4000 से ज्यादा लोग काउंटर के पास कतार में खड़े थे, और अचानक बैरागी पट्टीडा पार्क में कतार लगाने का आदेश दिया गया। इस आदेश के बाद श्रद्धालु आपस में आगे बढ़ने की कोशिश में भिड़ गए, जिससे भगदड़ मच गई। अफरा-तफरी में लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे, और कई लोग जमीन पर गिरकर घायल हो गए। इस दौरान, दम घुटने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
हाथरस की भयावह घटना
साल 2024 की सबसे बड़ी भगदड़ की घटना उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में हुई थी। 2 जुलाई को फुलराई गांव में हुए एक सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। यह घटना तब घटी जब अचानक हुई अफरा-तफरी के कारण लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। यह घटना न केवल हाथरस बल्कि पूरे देश के लिए एक शोकाकुल पल बन गई।
राजकोट में आग के बाद भगदड़
गुजरात के राजकोट में 23 मई को एक गेमिंग जोन में आग लगने के बाद भगदड़ मच गई। इस आग के कारण 35 लोग अपनी जान गंवा बैठे, जिनमें अधिकतर बच्चे थे। आग लगने से उत्पन्न हुई अफरा-तफरी ने कई लोगों को मौत की घाट उतार दिया।
दिल्ली की कोचिंग सेंटर हादसा
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में राऊ के आईएएस स्टडी सर्किल की बिल्डिंग के बेसमेंट में पानी भर जाने के बाद भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई छात्र घायल हुए और तीन छात्रों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तानिया सोनी और केरल के नवीन डेल्विन की इस हादसे में जान चली गई।
झांसी में आग लगने के बाद अफरा-तफरी
15 नवंबर 2024 को उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने के बाद भगदड़ मच गई। इस घटना में 12 नवजात बच्चों की जान चली गई, जो मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे। आग लगने के बाद अफरा-तफरी का माहौल बन गया और कई लोग घायल हुए।
2024 में देशभर में मची भगदड़ों की घटनाओं ने यह साबित कर दिया कि एक छोटे से समय के भीतर घटनाएँ कितना बड़ा रूप ले सकती हैं। इन घटनाओं में न केवल जानमाल का नुकसान हुआ, बल्कि हजारों लोगों की जिंदगी भी प्रभावित हुई। हमें इन घटनाओं से सीखने की जरूरत है कि किसी भी सार्वजनिक स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।