‘बिहार में अनाज भंडारण की समस्या होगी दूर, 6 महीने के अंदर हर जिले में बनेंगे गोदाम’- मंत्री प्रेम कुमार का बड़ा दावा

0
21
मंत्री प्रेम कुमार
मंत्री प्रेम कुमार

सहकारिता विभाग द्वारा सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सहयोग से सूचना भवन के संवाद कक्ष में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को माननीय मंत्री, सहकारिता विभाग, बिहार डॉ० प्रेम कुमार द्वारा संबोधित किया गया। इस अवसर पर प्रधान सचिव, सहकारिता विभाग श्री संतोष कुमार मल्ल, विशेष सचिव, सहकारिता विभाग डॉ० विरेन्द्र प्रसाद यादव, अपर निबंधक, सहयोग समितियाँ श्री प्रभात कुमार, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य सहकारी बैंक श्री मनोज कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य भंडार निगम, डॉ० गगन एवं सहकारिता विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

माननीय मंत्री द्वारा मीडिया को संबोधित करते हुए बताया गया कि राज्य के सहकारी समितियों में 7056 गोदाम निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिससे 15.67 लाख एम.टी. मंडारण क्षमता का सृजन हो चुका है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2023-24 में 169 करोड़ की लागत से 325 गोदाम निर्माण का कार्य प्रगति में है। वर्ष 2024-25 में 205 गोदाम का चयन कर गोदाम निर्माण हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। इससे 2.36 लाख एम.टी. भंडारण क्षमता का सृजन हो सकेगा।

आगे विभाग के सभी कार्यों का बिन्दु ब्यौरा निम्नवत् है-

  • अधिप्राप्ति के तहत खरीफ विपणन मौसम 2023-24 अन्तर्गत प्राप्त लक्ष्य 45.00 लाख मे.टन के विरुद्ध निर्धारित अवधि तक कुल 6995 समितियों के माध्यम से 3.72 लाख किसानों से 30.79 लाख मे.टन धान की अधिप्राप्ति किया गया तथा किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में 6799 करोड़ रूपये उनके खाते में भुगतान किया जा चुका है। अधिप्राप्त धान के विरूद्ध राज्य खाद्य निगम को 19.52 लाख मे.टन (93.26%) चावल की आपूर्ति की जा चुकी है। समितियों के आर्थिक सुदृ‌ढीकरण के उद्देश्य से प्रबंधकीय अनुदान मद में विगत वर्ष 141 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया, जबकि इस वर्ष अबतक 46 करोड़ की राशि का भुगतान किया जा चुका है. जिसमें 41.728 से सब्जी उत्पादक किसान सदस्य बन चुके हैं। पटना, तिरहुत एवं मिथिला सब्जी संघों द्वारा योजना के प्रारंभ (मार्च 2019) से अब तक 74,251 एम.टी. के सब्जी व्यवसाय से 130 करोड़ रूपए का टर्नओवर प्राप्त किया गया है।
  • बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत इस योजना के अंतर्गत खरीफ मौसम में धान, भदई मकई एवं सोयाबीन तथा रबी मौसम में गेहूँ, मकई, ईख, अरहर, मसूर, चना, राई-सरसो, आलू एवं प्याज के अतिरक्त दोनों मौसमों में सब्जी फसल को भी आच्छादित किया गया है। इसके अतिरिक्त योजना के प्रारंभ से अब तक 28.41 लाख किसानों को 1822.67 करोड राशि का भुगतान किया गया है। NIC के तकनीकी सहयोग से विकसित बिहार राज्य फसल सहायता योजना पोर्टल को कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया के द्वारा e-Governance के लिए Award of Excellence प्रदान किया गया।
cfcc38bd 82b6 4f9b ae21 4b74d34d3492
  • मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजना के तहत राज्य के लघु एवं सीमांत कृषकों की आधुनिक कृषि उपकरणों तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए क्रियान्वित मुख्यमंत्री हरित कृषि संयंत्र योजनान्तर्गत अब तक 2772 पैक्सों में कृषि संयंत्र बैंक की स्थापित किया जा चुका है। प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहकारी समितियों में भी कृषि संयंत्र बैंक स्थापित किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में सर्वाधिक क्रयादेश हेतु सहकारिता विभाग को जेम के द्वारा अवार्ड दिया गया।
  • बैंकिंग के तहत बिहार राज्य सहकारी बैंक (स्थापित 1914 2nd. Scheduled Bank Under RBI) अपने एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से मूलतः किसान को वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) का कार्य करता रहा है। इसी दिशा में निम्न उपलब्धियाँ धान अधिप्राप्ति 2023-24 में सहकारी बैंक के माध्यम से कुल 372556 किसानों का 6799. 44 करोड़ रूपये भुगतान किया गया है।
  • Annual Credit Plan 2023-24 में Target 6178.11 करोड़ रूपये के विरूद्ध 7433.33 करोड़ रूपये की उपलब्धि प्राप्त की गई है जो 125% है एवं 2024-25 में 8619.20 करोड़ का Target है जिसके लिए बैंक तत्पर है।
  • वित्तीय वर्ष 2023-24 में 83064 किसानों के बीच के.सी.सी ऋण मद में 247.92 करोड़ रूपये का के.सी.सी. ऋण निर्गत किया गया है था वहीं इस वित्तीय वर्ष में (2024-25) अबतक 11879 किसनों के बीच 40.36 करोड़ रूपये का के.सी.सी. ऋण निर्गत किया गया है।
  • महिला सशक्तिकरण के उदेश्य से संयुक्त देयता समूह (JLG) की महिलाओं के माध्यम से बैंक के दरभंगा, सहरसा, बिहट, मोतिहारी शाखा एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक मगध, बेगुसराय, गोपालगंज एवं पाटलिपुत्र द्वारा 13175 सदस्यों को 52.321 करोड़ ऋण विभिन्न कृषि संबद्ध गतिविधियों के लिए दी है जिनसें महिलाओं को आर्थिक बल मिल रहा है।
  • बैंक द्वारा स्वयं सहायता समूह (SHG) को ऋण की सुविधा दी जा रही है। वर्तमान में 109 समूह को 1.47 करोड़ रूपये दिया गया है।
  • वर्तमान में भारत सरकार / राज्य सरकार की योजना “PACS as MSC (Multi Service Center” को विकसित करने हेतु कुल 05 पैक्स (03 बेतिया, 01 गोपालगंज 01 किसान) की परियोजना चल रही है।
e4fe6195 2cfe 497b bc44 56e44fd9cd3e 1 1

विभाग के अन्य नई परियोजनाएँ / योजनाएँ-

बिहार राज्य भंडारण निगम द्वारा सहकारिता विभाग, बिहार सरकार से प्राप्त अनुदान राशि रू0 12,51,14,400/- से तीन स्थानों यथा मुरलीगंज (मधेपुरा), मालीघाट (मुजफ्फरपुर), मसौढ़ी (पटना) में कुल 10,500 मे०टन क्षमता का गोदाम निर्माण का कार्य कराया जाएगा।

CSC (Common Service Centre) बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 300 प्रकार की सेवाएँ पैक्स द्वारा उपलब्ध कराने के उद्देष्य से लगभग 5737 पैक्सों में कॉमन सेवा केन्द्र की स्थापना की जा चुकी है। जिसमें से 2803 समितियों क्रियाशील है। अभी तक पैक्सों द्वारा 5 करोड़ से अधिक का व्यवसाय किया गया है।

FPO (Farmer Producers Organization) राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम के सहयोग से राज्य के 21 जिलों के 100 चयनित पंचायतों में आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर उनकी उपज के उचित मूल्य एवं कृषि इनपुट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से पंचायत स्तरीय किसान उत्पादक संगठन (FPO) का गठन किया जा रहा है। अबतक 64 समितियों से आवेदन प्राप्त हुआ है। पंचायत स्तर पर निबंधन हेतु संबंधित जिला सहकारिता पदाधिकारी को बिहार सहकारी सोसाइटी अधिनियम 1935 के तहत निबंधन की शक्ति प्रत्यायोजित कर दी गई है।

ffc440ed d1a4 4703 95de 6162911cb6fe

पेट्रोल पंप आउटलेट पैक्स द्वारा पेट्रोल एवं डीजल आउटलेट ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित किया जा रहा है। जिससे पैक्स के मुनाफे में वृद्धि होगी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित होगी। बिहार राज्य के लिए ऑनलाईन आवेदन हेतु 12 जिलों में 16 स्थान चिन्हित किया गया है। अभी तक 12 समितियों द्वारा आवेदन दिया गया है. जिसमें 5 पैक्सों को संबंधित एजेंसी का अनुमोदन प्राप्त है। अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेने की कार्रवाई की जा रही है। अभी तक बाल्मीकि नगर पैक्स (पं० चंपारण), दरियापुर पैक्स एवं कोडडा डोहराडीह पैक्स (भागलपुर), वैशाली पंचायत पैक्स (वैशाली) तथा सलथुआ पैक्स (कैमूर) को स्वीकृति दी गई है।

जन औषधि केन्द्र की स्थापना इस योजना के तहत राज्य के चयनित 190 पैक्सों में से 120 पैक्सों में जन औषधि केन्द्र की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान में 18 पैक्सों को ड्रग लाइसेंस और 10 को स्टोर कोड तथा 08 पैक्सों में जन औषधि केन्द्र का संचालन प्रारंभ हो गया है। खिरिया एवं बेधना पैक्स (औरंगाबाद). मोहनपुर पैक्स (बेगूसराय), चुरावनपुर पैक्स (बक्सर), गिद्धा पैक्स (मधेपुरा), सेहन पैक्स (वैशाली), मियापुर पैक्स एवं मलाही बलुआ पैक्स (पं० चंपारण) में जन औषधि केन्द्र कार्यशील हो चुका है।

पैक्स कम्प्यूटराइजेशन योजनान्तर्गत प्रथम चरण में राज्य के 4477 पैक्सों को कम्प्यूटरीकृत किया जा रहा है। द्वितीय चरण में 1601 पैक्सों में कम्प्यूटरीकरण हेतु राज्य स्तरीय अनुश्रवण एवं कार्यान्वयन समिति (SLMIC) द्वारा अनुमोदित कर प्रस्ताव सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित किया गया है। तृतीय चरण में शेष सभी पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण किया जाना प्रस्तावित है। अभी तक 1932 पैक्सों को Go-Live किया जा चुका है।

बहुराज्यीय सहकारी समितियों की सदस्यताः वर्तमान में NCEL (National Cooperative Export Ltd) में 247, NCOL (National Cooperative Organic Ltd) में 242 एवं BBSSL (Bhartiya Beej Sahkari Samiti Ltd) में 557 समितियों द्वारा आवेदन किया गया है। जिसमें 268 समितियों को BBSSL एवं 96 समितियों को NCEL का हिस्सा प्रमाण-पत्र प्राप्त हो चुका है। इन बहुराज्यीय सहकारी समिति से होने वाले लाभ के संबंध में राज्य की सहकारी समितियों को जिला सहकारिता पदाधिकारी के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है।