कई दिनों से बना हुआ सस्पेंस खत्म हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव को चुना है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में बीजेपी ने मध्य प्रदेश में 166 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की थी। मोहन यादव उज्जैन जिले के उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं। वह पहली बार 2013 में इसी सीट से विधायक बने थे। उन्होंने 2018 और 2023 में इसी सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। मोहन यादव 2020 से शिवराज सिंह चौहान सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे। भाजपा ने दो उपमुख्यमंत्रियों-जगदीश देवड़ा और राजेश शुक्ला को भी चुना है। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है।
मुख्यमंत्री पद के लिए चुने जाने के बाद मोहन यादव ने पार्टी नेतृत्व के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि उनके जैसे एक आम कार्यकर्ता को पार्टी ने सीएम बनाया है। जिसके लिए वे पार्टी नेतृत्व के आभारी हैं।
नए सीएम की शैक्षणिक योग्यता की बात की जाए तो मोहन बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राज.विज्ञान), एम.बी.ए.,पी.एच.डी हैं।
विद्यार्थी परिषद से नाता
मोहन यादव 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव एवं 1984 में अध्यक्ष रहे। 1984 मेंअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री एवं 1986 में विभाग प्रमुख रहे। 1988 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री बने । 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी रहे।
RSS के स्वयंसेवक
1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह एवं 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे।
युवा मोर्चा के नेता भी रहे
यादव 1997 में पार्टी के युवा मोर्चा की प्रदेश समिति के सदस्य रहे। 1999 में मोर्चे के उज्जैन संभाग प्रभारी बने। 2000-2003 में पार्टी के नगर जिला महामंत्री और 2004 में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे। बाद में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य रहे। 2013-2016 में पार्टी के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक भी रहे।