इजराइल ने अब तक गाजा पर जमीनी हमला क्यों नहीं बोला है? यह सवाल बहुत से लोगों के मन में है। माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय दबाव, सियासी- सैन्य मतभेद और हमास की कैद में रह रहे इजराइलियों के चलते इजराइल जमीनी हमला करने से रुका हुआ है।
हमास के हमले के बाद से इजराइल ने गाजा पर बहुत से हवाई हमले किए हैं लेकिन अब तक जमीनी हमला नहीं बोला है। एक तबके का कहना है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू और इजराइली सेना के कमांडर के बीच मतभेद होने से ऐसा नहीं हो सका है। नेतनयाहू सरकार अपने देश में हमले को लेकर आम सहमति नहीं बना सकी है।
इजराइली पीएम ने सेना प्रमुख को हमास के हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है। याद दिला दें कि इस बार हमास ने इजराइल पर जो हमला बोला था वैसा कभी नहीं देखा गया था। जमीनी हमला न करने की एक वजह वे लोग भी हैं जो हमास की कैद में हैं। ये भी कहा जा रहा है कि इजराइली पीएम और उनके रक्षा मंत्री के बीच तनाव है। सब आपस में दोषारोपण कर रहे हैं कि हमास के हमले के लिए कौन जिम्मेदार है।
इस बीच सरकारी मीडिया ने कहा है कि मतभेद और तनाव जैसी बातें महज अफवाह हैं। हालांकि मामले के जानकार भी जमीनी हमले को लेकर मतभेद होने को झुठला नहीं रहे हैं। उनका कहना है कि हालात पेचीदा इसलिए भी हैं क्योंकि हमास के पास कुछ इजराइली लोग हैं। जो लोग हमास की कैद में हैं उनके रिश्तेदार लगातार इजराइल में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इजराइली सरकार से उन्हें वापस लाने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि इजराइल की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि वह हमास को पूरी तरह से मिटा देगा। सेना का कहना है कि वह जमीनी हमले के लिए भी पूरी तरह से तैयार है। राजनीतिक विश्लेषकों का मामले पर साफ कहना है कि सभी पश्चिमी देशों ने इजराइल को दो टूक कह दिया है कि आप गाजा पर जमीनी हमला न करें। भले ही ये बात इन देशों ने प्यार भरे तरीके से कही हो। पश्चिम के देशों को चिंता है कि अगर जमीनी हमला हुआ तो ये अपनी चपेट में बाकी खाड़ी देशों को भी ले लेगा। खासकर इस युद्ध में ईरान शामिल हो सकता है।