देश में 2 से 18 साल तक के बच्चों को कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाने की अनुमति मिल गई है, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने इसकी सिफारिश की है। पूरी दुनिया में यह बच्चों के लिए पहली वैक्सीन होगी। फाइजर ने 5-11 साल के बच्चों के वैक्सीन को मंजूरी देने के लिए USFDA को अर्जी दी है लेकिन अभी मंजूरी नहीं मिली है। इजरालय, UK, चिली, फ्रांस, जर्मनी, डेनमार्क, नॉर्वे, US, स्वीडन और चीन में 12 साल से ऊपर के बच्चों का कोरोना टीकाकरण किया जा रहा है।
क्लीनिकल ट्रायल में यह बात सामने आई है कि कोवैक्सीन बड़ों में 77.8 प्रतिशत तक प्रभावी है, बच्चों पर इसका प्रभाव कितना रहेगा ये बात भी सामने नहीं आई है। बच्चों और वयस्कों के इम्युनिटी में फर्क होता है, ऐसे में उनके लिए वैक्सीन की खुराक में बदलाव करना जरूरी है।
WHO से नहीं मिली मंजूरी
आपको बता दें कि WHO ने अबतक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मान्यता नहीं दी है, लेकिन भारत सरकार वैक्सीन को मान्यता दिलाने के लिए लगातार प्रयास लगातार कर रही है।
बच्चों वैक्सीन लगाने के लिए जरूरी शर्तें
छोटे बच्चों में कोरोना का असर कम देखा गया है। उम्र बढ़ने के साथ खतरा बढ़ता है। 12 से 18 साल के बच्चों में ज्यादा रिस्क होता है। बच्चे जिन्हें कोमॉर्बिडिटी, डायबिटीज या ऑटो इम्यून बीमारी है, स्टेरॉयड ले रहे हैं, कैंसर या मोटापा है। ऐसे बच्चों को अधिक रिस्क होता है, इसलिए उन्हें पहले वैक्सीन लग सकती है।
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