एक फरवरी 2018 को सरकार आम बजट पेश करने वाली है। हालांकि इस बजट से आम जनता को काफी उम्मीदें हैं लेकिन मोदी सरकार ने साफ कह दिया है कि इस बजट से ज्यादा उम्मीदें न लगाई जाए। वहीं बजट से पहले पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर है। आज कल पेट्रोल और डीजल अपनी बढ़ती कीमतों की वजह से सुर्खियों में है। वहीं पेट्रोलियम मंत्रालय ने तेजी से बढ़ते पेट्रोल-डीजल के दामों को देखते हुए केंद्र सरकार से उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की है।
इस बीच लोगों में उम्मीद जगाते हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि वह पेट्रोलियम-डीजल को भी जीएसटी के अंतर्गत लाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधान ने कीमतें कम करने के लिए राज्य सरकारों से भी पेट्रोल-डीजल से सेल्स टैक्स/वैट की दरों में कटौती करने का आग्रह किया।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी तो राज्य सरकारें वैट और पलूशन सेस के नाम पर पेट्रोल-डीजल से मोटी रकम वसूलती हैं। इस तरह पेट्रो-डीजल के दाम लागत से दोगुने हो जाते हैं
मंगलवार को दिल्ली में पेट्रोल 72.38 रुपये प्रति लीटर पर बिका। मई, 2014 में राजग सरकार के आने के बाद से यह पेट्रोल का सर्वोच्च स्तर है। डीजल का भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहा है। दिल्ली में इसका मूल्य 63.20 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।
पिछले सवा महीने में पेट्रोल की कीमतों में 3.31 रुपये और डीजल की कीमतों में 4.86 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। अलग-अलग राज्यों में वैट की दरों के कारण कीमतों में भी अंतर है। मुंबई में पेट्रोल ने 80 रुपये का स्तर पार कर लिया है। डीजल भी 67.30 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। पेट्रोलियम कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं।
एक्साइज ड्यूटी का गणित
तीन साल पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट आई थी। तब इसका लाभ लेने के लिए सरकार ने नवंबर, 2014 से जनवरी, 2016 के बीच नौ बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। उन 15 महीनों में पेट्रोल पर प्रति लीटर 11.77 रुपये और डीजल पर 13.47 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई थी। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के बाद भी सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी कम करने का कदम नहीं उठाया गया है। भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने अपने मौजूदा कार्यकाल में केवल एक बार अक्टूबर, 2017 में एक्साइज ड्यूटी में प्रति लीटर दो रुपये की कटौती की थी।