राजनेताओं की लोकप्रियता का एक आधार सोशल मीडिया पर उनकी फॉलोइंग को भी माना जाता है ज्यादात्तर राजनेताओं के ट्विटर पर अकाउंट है। कई बड़े राजनेताओं के फॉलोअर्स फर्जी होने के बात सामने आई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी जैसे दिग्गज नेताओं के 60 पर्सेंट से ज्यादा फॉलोअर्स फेक हैं।
डिजिटल एजेंसी ट्विप्लोमेसी ने ट्वीटर ऑडिट के हवाले से वैश्विक नेताओं के ट्विटर फॉलोअर से जुड़ा एक आंकड़ा जारी किया है। इस आंकड़े के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी के 60 फीसदी से ज्यादा ट्विटर फॉलोअर्स फर्जी हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हैं, क्योंकि उनके फॉलोअर ज्यादा हैं।
World Leaders and their Fake followers
— Twiplomacy 🌐 (@Twiplomacy) February 21, 2018
Some of the most followed world leaders and their share of bot followers as determined by https://t.co/TdNIomSdNt. Graphics prepared by @Saosasha @gzeromedia#DigitalDiplomacy pic.twitter.com/viid9ZTReV
पीएम नरेंद्र मोदी के 61 फीसदी के 61 फीसदी फॉलअर्स फेक हैं। पीएम मोदी के ट्विटर फॉलोअर 4 करोड़ 10 लाख से ज्यादा हैं जबकि डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर फॉलोअर 4 करोड़ 79 लाख है। ट्विप्लोमेसी की इस रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के 37 फीसदी से ज्यादा ट्विटर फॉलोअर फर्जी हैं।
दिल्ली के सीएम और ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल के भी आधे से ज्यादा फॉलोअर्स फेक हैं। राजनीति में नई एंट्री करने वाले साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत के 26 फीसदी ट्विटर फॉलोअर्स फेक हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 61 लाख 15 हजार फॉलोअर हैं, जिनमें से 69 फीसदी फेक हैं। वहीं, 1 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स वाले अमित शाह के 67 फीसदी फॉलोअर्स फेक हैं। सोशल मीडिया पर खासे ऐक्टिव रहने वाले कांग्रेस लीडर शशि थरूर के भी 62 फीसदी फॉलोअर फेक हैं।
ट्विटर पर फेक फॉलोअर्स का मामला अकेले भारत में ही नहीं है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ऐसी तमाम हस्तियां हैं। ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के भी 48 फीसदी ट्विटर फॉलोअर्स फेक हैं। हिलरी क्लिंटन के 31 फीसदी और डॉनल्ड ट्रंप के 26 फीसदी फॉलोअर्स फर्जी हैं।ट्विटर ऑडिट की वेबसाइट के मुताबिक इस टूल के जरिए 5,000 फॉलोअर्स का सैंपल लिया जाता है और उनका ट्वीटस, फॉलोअर्स, म्युचूअल फॉलोज और अन्य पैरामीटर्स के आधार पर आकलन किया जाता है। इससे पता चलता है कि कितने ट्विटर फॉलोअर फेक हैं और कितने वास्तविक। हालांकि यह एकदम सटीक तरीका नहीं है, लेकिन काफी हद तक इससे हकीकत पता चल सकती है।