उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अनेकता में एकता भारत की पहचान है और हम सबको मातृभूमि का सम्मान करना चाहिए । ये बातें नाईक ने गुरुवार को राजभवन में नागालैण्ड के 24 छात्रों के एक दल से भेंट के दौरान कही। छात्रों का यह दल सदभावना की दृष्टि से ‘राष्ट्रीय एकीकरण शैक्षिक यात्रा’ पर यहां आया है। छात्र दल का नेतृत्व सात असम रायफल के कैप्टन प्रशान्त गारकर कर रहे थे। सभी छात्र कक्षा सात से नौ तक के विद्यार्थी हैं जो नागालैण्ड के सुदूर क्षेत्रों के रहने वाले हैं।
राज्यपाल ने छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि भारत विविधताओं वाला देश है, जहाँ अनेक धर्म और भाषाओं के लोग रहते हैं। अनेकता में एकता भारत की पहचान है। छात्रों का परम धर्म ज्ञान अर्जन करना है। केवल किताबी कीड़ा न बनें बल्कि खेल-कूद और व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दें।
उन्होंने उप राष्ट्रपति एम0 वेंकैया नायडु की बात को दोहराते हुये कहा कि छात्र तीन ‘एम’ पर ध्यान दें। पहला ‘माता-पिता और गुरूजनों का सम्मान करें।’ दूसरा ‘एम’ यानि मातृभाषा तथा तीसरा ‘एम’ यानि मातृभूमि पर अभिमान करें। भारत हमारी मातृभूमि है, हम सबको उसका सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना हमारी मातृभूमि की सुरक्षा करती है।
नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश का अनेक दृष्टि से महत्व है। यह प्रदेश भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली है। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले इस प्रदेश से विश्व के केवल तीन देश चीन, अमेरिका एवं इण्डोनेशिया की आबादी अधिक है। उत्तर प्रदेश से लोकसभा में 80 सांसद जाते हैं। प्रथम प्रधानमंत्री पं0 जवाहर लाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित नौ प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश ने अब तक देश को दिये हैं।
उन्होंने कहा कि नागालैण्ड राज्य की आबादी 31 लाख है जबकि लखनऊ शहर की आबादी 35 लाख है। उन्होंने संविधान के तहत राज्यपाल के दायित्व और कर्तव्यों के बारे में बताते हुये कहा कि नागालैण्ड के राज्यपाल पद्मनाभ बालकृष्ण आचार्य भी मुंबई निवासी हैं जिनसे गत 30 वर्षों से उनकी मित्रता है। इस अवसर पर कैप्टन प्रशान्त गारकर ने राज्यपाल को सात असम रायफल की ओर से प्रतीक चिन्ह और अंग वस्त्र भेंट किये। उन्होंने बताया कि यह दल लखनऊ के बाद कोलकाता भ्रमण पर भी जायेगा। इस मौके पर राज्यपाल के विशेष सचिव डॉ. अशोक चन्द्र तथा विद्यालय के शिक्षकगण भी उपस्थित थे।
-साभार, ईएनसी टाईम्स