उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद से लगातार योगी सरकार अपने फैसलों की वजह से चर्चा में है। इसी क्रम में कल हुई कैबिनेट की चौथी बैठक में भी कई अहम् फैसले लिए गए। इन फैसलों में महापुरुषों के जन्मदिवस पर होने वाली छुट्टियों को रद्द कर दिया गया है। वहीँ भू-माफियाओं से निपटने सहित सुकमा नक्सली हमले में शहीद जवानों को आर्थिक मदद देने का फैसला भी लिया गया है।
योगी ने मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद ही संकेत दिया था की महापुरुषों के नाम पर होने वाली छुट्टियों को रद्द किया जाए। एक कार्यक्रम में बोलते हुए योगी ने कहा था कि महापुरुषों के नाम पर छुट्टी देने के बजाय काम कर उन्हें श्रधांजलि दी जाए। जिसके बाद से ही इस फैसले की उम्मीद जताई गई थी। जिन अवकाशों को योगी सरकार ने रद्द किया है, उनमें जन नायक कर्पूरी ठाकुर जयंती 24 जनवरी, ख्वाजा मोइनुददीन चिश्ती अजमेरी गरीब नवाज उर्स 14 अप्रैल, चंद्रशेखर का जन्मदिन 17 अप्रैल, परशुराम जयंती 28 अप्रैल, महाराणा प्रताप जयंती नौ मई, छठ पूजा 26 अक्टूबर आदि शामिल हैं।
योगी कैबिनेट ने छुट्टियों को रद्द करने के अलावा सुकमा नक्सली हमले में शहीद उत्तरप्रदेश के दो जवानों के परिवारों को 30- 30 लाख रूपए की आर्थिक मदद की घोषणा की है। आपको बता दें कि सोमवार को छतीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ़ के 24 जवान शहीद हो गए थे जबकि 6 घायल हुए थे।
उत्तरप्रदेश में भू माफियाओं से निपटने के लिए ऑनलाइन शिकायत पोर्टल बनाने का फैसला लिया गया है। इस बात की जानकारी देते हुए मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि कैबिनेट ने एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स के गठन को मंजूरी दे दी है। प्रदेश में सरकारी जमीनों पर कब्जे रोकने के लिए टास्क फोर्स बनाया जाएगा। यह टास्क फोर्स चार स्तरीय होगा। इसमें प्रदेश स्तर, मंडल, जिला और तहसील स्तर पर टास्क फोर्स गठित किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में कब्जे वाली जमीनों को दो महीने के अंदर चिन्हित कर लिया जाए।
इसके अलावा श्रीकांत शर्मा ने कहा कि कैबिनेट ने एक सप्ताह का विधानसभा का विशेष सत्र 15 मई को बुलाने का निर्णय लिया है। यह सत्र विशेष रूप से जीएसटी बिल पास करने के लिए बुलाया गया है। उन्होंने महापुरुषों के जन्म दिवस और बलिदान दिवस के नाम पर होने वाली छुट्टियों को रद्द करने सम्बंधित कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 42 सार्वजनिक अवकाश हैं, जिनमें से कम से कम 17 अवकाश महापुरूषों की जयंती अथवा पुण्यतिथि पर दिये जाते हैं। ऐसी छुट्टियों को अब रद्द किया गया है। इसके बदले स्कूलों और अन्य शिक्षण संस्थानों में सुविधा अनुसार निबंध,चर्चा, परिचर्चा, का योजन किया जायेगा। जबकि दफ्तरों में काम होगा। शर्मा ने कहा कि अवकाश की संशोधित सूची जल्द ही उपलब्ध करा दी जाएगी। रद्द की गई ज्यादातर छुट्टियाँ पूर्व की सपा और बसपा सरकारों ने घोषित किये थे।