नवरात्रि के छठवें दिन मां कात्यायनी की होती है पूजा

नवरात्रि का आज छठवां दिन है.

इस दिन मां दुर्गा के छठवें स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाएगी.

नवरात्रि के छठे दिन साधक का मन ‘आज्ञा’ चक्र में स्थित होता है.

 योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है.

इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति होती है.

इनका गुण शोधकार्य है, इसीलिए इस वैज्ञानिक युग में कात्यायनी का महत्व सर्वाधिक हो जाता है.

इनकी कृपा से ही सारे कार्य पूरे हो जाते हैं.

भगवान कृष्ण को पति रूप में पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्हीं की पूजा की थीं.

यह पूजा कालिंदी यमुना के तट पर की गई थी.

मां कात्यायनी मंत्र

मंत्र-चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥

मां कात्यायनी पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें.

इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें.

फिर विधि-विधान से मां दुर्गा के छठे स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा करें.

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