भगत सिंह की जानें अनसुनी बातें जो हर भारतीय के लिए है जरूरी...
भगत सिंह एक मात्र ऐसे क्रांतिकारी हैं जो लोगों की सोच बदलने के बारे में सोचा करते थे
28 सितंबर को देश, शहीदे-आजम भगत सिंह का 115वां जन्मदिन मना रहा है
23 साल की उम्र में अंग्रेजों की गुलामी करने से बेहतर उन्हें सूली पर चढ़ना मंजूर था
भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लयालपुर के बांगा (अब पाकिस्तान में) गांव के एक सिख परिवार में हुआ था
लाहौर के नेशनल कॉलेज में भगत सिंह ने पढ़ाई की थी
भगत सिंह का परिवार उनके पैदा होने के पहले ही क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल था
भगत सिंह के पिता और चाचा अजीत सिंह ने 1907 अंग्रेजों के कैनल कोलोनाइजेसन बिल खिलाफ आंदोलन में हिस्सा लिया था
इस तरह से भगत को बचपन से ही घर में क्रांतिकारियों वाला माहौल मिला था
भगत सिंह के माता-पिता ने उनकी शादी करने की कोशिश की तो वह अपने घर से भाग गए
इसके बाद वह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हो गए
मार्च 1926 में, उन्होंने भारत में ब्रिटिश शासन को जड़ से उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से एक समाजवादी संगठन नौजवान भारत सभा की स्थापना की
1927 में, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया
भगत सिंह और उनके साथियों को 07 अक्टूबर 1930 को मौत की सजा सुनाई गयी
फांसी के लिए 24 मार्च का दिन तय किया गया था
लेकिन 23 मार्च की शाम 7:30 बजे ही उन्हें अंग्रेज अफसर फांसी के लिए ले गए थे
अगले दिन तीनों क्रांतिकारियों के शव मिले
हालांकि, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्हें फांसी किस दिन दी गई
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