गर्भावस्था के दौरान खुद को न करें नजरअंदाज इन नियमों का करें पालन
गर्भावस्था हर महिला के जीवन में एक ऐसा दौर होता है जब शारीरिक परिवर्तन के साथ नए अनुभवों का भी अहसास होता है.
ऐसे में हर मां बनने वाली महिला को कमर दर्द, उलटी, कब्ज, मूड स्वींग्स, नींद न आने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में घबराने की बजाय किसी अच्छे डॉक्टर की सलाह के साथ बेहद जरूरी है कुछ हल्के फुल्के व्यायाम की.
हाल ही में किए गए अध्ययन के अनुसार गर्भावस्था के दौरान नियमित व्यायाम का लाभ गर्भवती महिलाओं के साथ गर्भ में पल रहे बच्चे को भी मिलता है.
महिला रोग विशेषज्ञों का मानना है कि हर गर्भवती महिला को हर रोज कम से कम 30 मिनट तक कोई न कोई शारीरिक गतिविधि जरूर करनी चाहिए.
पहली तिमाही- इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पार्क में धीमी गति से टहलना चाहिए.
इस दौरान आप कैट पोज, हल्की सैर के साथ ही गर्दन और कंधे घुमाने के व्यायाम कर सकतीं हैं.
दूसरी तिमाही- इस दौरान शक्ति को बढ़ाने के लिए व्यायाम किए जाते हैं.
इस समय अपनी मुद्रा को सही करने, मांसपेशियों को आराम देने पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है.
तीसरी तिमाही-तीसरी और आखिरी तिमाही के दौरान आसान प्रसव के लिए स्क्वाटिंग एक्सरसाइज बेहतर व्यायाम रहेगा.
ऐसी स्थिति में न करें व्यायाम
अगर गर्भवती को किसी भी तरह की बीमारी हो-मसलन शुगर, ह्रदय रोग.
अगर गर्भावस्था के दौरान ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो रही हो, तो भी ये व्यायाम कदापि न करें.
पहले कभी गर्भपात हुआ हो, या दोबारा गर्भपात का खतरा हो.
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