छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय होता है

इस दिन व्रती स्नान-ध्यान करने के बाद कद्दू-भात का सेवन करती हैं

छठ व्रती को नहाय-खाय के दिन शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करना होता है

इसके साथ ही इस दिन जब छठ व्रती भोजन कर लेती हैं

तभी घर के अन्य सदस्य भोजन करते हैं

छठ पूजा के दूसरे दिन को खरना करते हैं

इस दिन व्रती महिलाएं स्नान के बाद चावल और गुड़ का खीर बनाकर खरना माता को अर्पित करती हैं

शाम को पूजा के बाद घर सभी सदस्य पहले खरना प्रसाद ग्रहण करते हैं

इस साल छठ पर्व का खरना 29 अक्टूबर को है

छठ के पहले दिन संध्याकाली अर्घ्य होता है

जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है

इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का उपयोग किया जाता है

सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त टोकरी में सभी पूजन सामग्रियों का होना बेहद जरूरी होता है

इसके साथ ही पूरे दिन और रात भर निर्जला व्रत रखकर अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करें

सूर्य देव को अर्घ्य निवेदित करने के साथ ही मन ही मन उनसे अपनी मनेकामना कहें

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