छठ पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है

इसकी शुरुआत दिवाली के चौथे दिन नहाय-खाय के साथ होती है

इसके बाद षष्ठी तिथि के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है

छठ पर्व में महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं

यह व्रत महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए रखती हैं

प्रचलित कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद माता सीता के साथ राम राज्य की स्थापना की

यह स्थापना कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन की गई

इस दिन भगवान राम और माता सीता ने उपवास कर सूर्यदेव की अराधना की थी

इसके बाद सप्तमी के दिन सूर्योदय के समय अनुष्ठान कर सूर्यदेव से आर्शीवाद लिया था

छठ पर्व की शुरुआत महाभारत काल से हुई थी

पौराणिक कथा के अनुसार, पांडवों की पत्नी द्रौपदी ने भी सूर्यदेव की अराधना की थी

कहा जाता है इस पर्व को सबसे पहले सूर्यपुत्र कर्ण ने सूर्य की पूजा करके शुरू किया था

कर्ण भगवान सूर्य के परम भक्त थे

कर्ण रोज घंटों तक पानी में खड़े होकर उन्हें अर्घ्य देते थे

मान्यता है कि सूर्य की कृपा से ही कर्ण महान योद्धा बने

छठ पर्व के नियम और विधि जानने के लिए यहां क्लिक करें...