बंगाल की दुर्गा पूजा है इसलिए खास

दुर्गा पूजा का नाम आते ही सबसे पहले दिलों-दिमाग में बंगाल का ख्याल आता है

इन दिनों महानगरी कोलकाता दुल्हन की तरह तैयार होती है

कोलकाता में दुर्गा पूजा की सबसे खास बात है कि यहां लोग प्रतिमा दर्शन के लिए पंडालों में रात भर लाइन लगाते हैं

वे दिन में निकलते हैं और रोजाना देर रात तक पंडालों के दर्शन करते हैं

कोलाकाता के कुछ खास पंडाल हैं जो हमेशा एक सामाजिक संदेश के साथ, जागरूकता फैलाने के मकसद से पंडाल बनाते हैं

मां की प्रतिमा के सामने एक केले के पेर को साड़ी पहनाकर खड़ा किया जाता है

दरअसल,सातवें दिन सुबह-सुबह एक छोटे से केले के पेर को कोला बौ के रूप में पूजा जाता है

बंगाल में कुमारी पूजा का प्रचलन बहुत ज्यादा है

घरों में गलियों में लोग कुमारियों की पूजा करते हैं

नवरात्रि में कुमारी कन्याओं को दुर्गा मां की तरह पूजा जाता है

दरअसल, स्वामी विवेकानंद ने बेलूर मठ में इसका प्रचलन शुरू किया था

सबसे खास बात होती है कि 9 दिनों तक घर में मां के पंडालों के बाहर ढाक ढोल की आवाजें सुनाई देती है

धूप-धूना से आरती होती है

दुर्गा पूजा के दौरान हर कोई जात-पात भूलकर, उम्र की सीमा को पार कर बस पंडालों में इस पूजा का लुत्फ उठाते नजर आते हैं

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