आखिर 9 दिन ही क्‍यों मनाया जाता है नवरात्रि का पावन पर्व?

जानिए नवरात्रि मनाने के पीछे की कथाएं

नवरात्रि मनाने के पीछे दो कथाएं हैं.

पहली यह कि श्री रामजी के हाथों रावण का वध हो, इस उद्देश्य से नारद ने श्रीराम से इस व्रत का अनुष्ठान करने का अनुरोध किया था.

इस व्रत को पूर्ण करने के पश्चात रामजी ने लंका पर आक्रमण कर अंत में रावण का वध किया. तब से इस व्रत को कार्यसिद्धि के लिए किया जाता रहा है.

दूसरी कथा बेहद खास है, कथा के अनुसार मां दुर्गा जी ने पृथ्‍वी पर आतंक का पर्याय बन चुके महिषासुर नामक असुर के साथ लगातार 9 दिन अर्थात प्रतिपदा से नवमी तक युद्ध कर, नवमी की रात्रि को उसका वध किया.

उस समय से देवी को ‘महिषासुरमर्दिनी’ के नाम से जाना जाता है, तब से मां दुर्गा की शक्ति को समर्पित नवरात्र का व्रत किया जाता है.

नवरात्रि में मां दुर्गा की कृपा अन्य दिनों की तुलना में 1000 गुना अधिक बढ़ जाती है.

देवीतत्त्व का अत्यधिक लाभ लेने के लिए नवरात्रि की कालावधि में श्री दुर्गादेव्यै नमः मंत्र का जप अधिक से अधिक करना चाहिए.

हर वर्ष मनाए जाने वाले शारदीय नवरात्रि का धार्मिक होने के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्‍व भी है.

ऐसा माना जाता है कि जिस मौसम में शारदीय नवरात्र का आरंभ होता है, उस मौसम में हल्‍की सर्दी पड़नी शुरू हो जाती है.

बदलता मौसम लोगों के जीवन को प्रभावित न करे इस‍के लिए नियम और संयम का पालन करते हुए 9 दिन का उपवास रखने का विधान पौराणिक काल से चला आ रहा है.

नवरात्रि शक्ति की आराधना करते हुए मानिसक और शारीरिक संतुलन प्राप्‍त करने का पर्व है

नवरात्र के व्रत रखकर उपासक मौसम के बदलाव को सहने के लिए खुद को मजबूत भी बनाता है

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