Year Ender 2021: Crime से जुड़ी ये 10 खबरें, जो रहीं इस साल सुर्खियों में

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Year Ender 2021 top 10 crime News

Year Ender 2021: हर गुजरते लम्हे के साथ 2021 भी तारीख के आखिरी पायदान की ओर बढ़ चुका है। कुछ ही घंटों में दस्तक देने वाला है नया साल 2022 और इसके साथ ही 2021 की हर घटना गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। गुजरा हुआ साल कोरोना के जख्मों से लहुलुहान रहा, उम्मीद है कि नया साल इस तरह की बलाओं से दूर रहेगा और पूरी दुनिया दुश्वारियों से महफूज रहेगी।

हमें आने वाले साल का ऐहतराम तो करना है लेकिन बीते हुए माझी को याद रखते हुए। साल 2021 आने वाले समय में इतिहास के पन्नों में कैद हो जाएगा लेकिन इसी 2021 में घटी कुछ घटनाओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। जिसे हर कोई भूलना की कोशिश करेगा।

यहां हम अपराध और दिल दहला देने वाली उन्हीं 10 घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं, जिन्होंने साल 2021 में हमें औऱ हमारे समाज को हिलाकर रख दिया। इस साल कई ऐसी घटनाएं हुईं जो केवल प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश में सुर्खियों में छाई रही।

1. गोरखपुर में व्यवसायी मनीष गुप्ता की हत्या का मामला

Year Ender 2021
Manish Gupta

Manish Gupta Murder Case में यूपी की खाकी वर्दी को शर्मसार होना पड़ा। यूपी की गोरखपुर पुलिस के दामन पर पड़े बेकसूर मनीष गुप्ता के खून का छींटे। मामले में बवाल बढ़ने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश की।

सीबीआई ने मामले में जांच करके पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने मामले में निष्पक्ष सुनवाई के लिए केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया।

सीबीआई ने इस हत्याकांड में निलंबित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा, सब इंस्पेक्टर विजय यादव और तीन अज्ञात पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया हैं। योगी सरकार ने आलोचना के बाद मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी को सरकारी नौकरी दी और आर्थिक सहायता प्रदान की।

2. लखीमपुर खीरी में किसानों को रौंदा गया जीप से

2 farmer killed in Lakhimpur Kheri
लखीमपुर हिंसा को लेकर लोगों में आक्रोश

भारत-नेपाल सीमा से सटे उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के तिनकुनिया गांव में भीषण घटना में कुल आठ लोगों की मौत हुई थी। जिनमें चार किसान, एक पत्रकार और 3 बीजेपी कार्यकर्ता बताए जा रहे थे। इस मालमे में किसानों का आरोप है कि लखीमपुर के तिकुनिया इलाके में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने कथिततौर पर प्रदर्शनकारी किसानों को अपनी जीप तले रौंद दिया था।

वहीं आरोपी आशीष मिश्रा का कहना है कि वह घटना के वक्त मौके पर ही नहीं था। इसके साथ ही आशीष मिश्रा ने कहा कि किसानों ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को रिसीव करने जा रही उनकी जीप पर हमला कर दिया। इस दौरान उनके सिर में पत्थर लगा और जीप असंतुलित हो गयी। हादसे के बाद किसानों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया, जिसमें तीन भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गए थे। मामले की सुनवाई अभी सत्र न्यायालय में चल रही है।

3. कासगंज थाने में अल्ताफ की संदिग्ध मौत

Altaf
Altaf

उत्तर प्रदेश के कासगंज में थाने के अंदर 22 साल के मुस्लिम युवक अल्ताफ की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। इस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें दिखाई दिया कि पुलिस ने जिस समय अल्ताफ को लॉकअप में बंद किया था, उस समय एक दूसरा शख्स भी हिरासत में था।

लॉकअप में बंद दूसरे शख्स ने पुलिस को बताया था कि अल्ताफ ने आत्महत्या कर ली है। वीडियो में दिखाई देता है कि अल्ताफ शौचालय में लेटे हुए अवस्था में टोंटी से बंधा नजर आ रहा है और उसके गले में डोरी कसी हुई है। इस मामले में योगी सरकार की कड़ी आलोचना हुआ, आननफानन में पुलिस विभाग ने थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

उन्होंने बताया कि देर तक नहीं लौटने पर पुलिसकर्मी बाथरूम में गए और फिर बेहोश अल्ताफ को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, जहां उसकी मौत हो गई। इस मामले में मृतक अल्ताफ के परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की बेरहम पिटाई के कारण अल्ताफ की मौत हो गई है।

4.पटना में हवाई सेवा इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारी रूपेश सिंह की हत्या

Rupesh singh
Rupesh Singh

बिहार की राजधानी पटना में 12 जनवरी 2021 को पुनाइचाक के रहने वाले हवाई सेवा इंडिगो के वरिष्ठ अधिकारी रूपेश सिंह की दिनदहाड़े हत्या हो गई। बेखौफ अपराधियों ने रूपेश सिंह को उनके अपार्टमेंट के नीचे ही गोली मार दी थी।

बिहार पुलिस पर इस मामले में लापरवाही का आरोप लगा और मामले में नीतीश कुमार के सुशासन की काफी किरकिरी हुई थी। शुरुआत में तो पटना पुलिस ने मामले में तरह-तरह की बात की लेकिन जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सख्त हुए तो पुलिस ने इंडिगो अधिकारी रूपेश सिंह की हत्या के आरोप में चारों अपराधी ऋतुराज, सौरभ, पुष्कर और चौथे काफी मशक्कत के बाद गिरफ्तार किया।

इस हत्याकांड के बाद विपक्षी दल राजद ने नीतीश शासन और पुलिस प्रशासन पर जमकर हमला किया था और बिहार की बदहाल होती लॉ एंड ऑर्डर पर भी सवालिया निशान खड़ा किया था।

5. पटना का मोना राय हत्याकांड

Mona Rai
Mona Rai

बिहार की राजधानी पटना में 12 अक्टूबर को राजीव नगर थाना क्षेत्र के रामनगरी सेक्टर 2 की रहने वाली मोना राय को गोली मार दी गई थी। हत्यारों ने मोना को घर के पास ही उसकी बेटी के सामने गोली मार दी थी। हमले के 6 दिन के बाद मॉडल मोना राय की इलाज के दौरान मौत हो गई।

मोना मूलतः रोहतास जिले के बिक्रमगंज की रहने वाली थी। हत्या वाले दिन मोना मां दुर्गा के दर्शन कर लौट रही थी तभी हत्यारों ने उसे गोली मार दी और इलाज के दौरान उसने 17 अक्टूबर को आईजीआईएमएस में उसने दम तोड़ दिया था।

पुलिस ने मामले में कड़ाई से तफ्तीश की, जिसका नतीजा हुआ कि आरा का रहने वाले हत्या के मुख्य आरोपी विश्वकर्मा कुमार ने डेढ़ महीने बाद पटना के सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। लेकिन अभी भी मॉडल मोना राय हत्याकांड की असल मास्टरमाइंड शारदा समेत अन्य आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर हैं।

इस मामले में कुल 7 लोगों को नामजद किया था, जिसमें भीम, विश्वकर्मा और शंकर को सुपारी दी गई थी। दो अपराधी भीम और विश्वकर्मा जेल में हैं, जबकि अन्य अपराधी अभी फरार हैं। पुलिस के मुताबिक मॉडल मोना की हत्या अवैध संबंध के कारण हुई। मोना की हत्या को आशिक बिल्डर की पत्नी और बेटे ने कराई है।

6. वैशाली में गांव के दबंग सवर्णों ने युवती का रेप करके हत्या की

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Vaishali rape and murder case

बिहार के वैशाली में इसी महीने दिसंबर में 20 साल की युवती की रेप के बाद हत्या कर दी गई। यह घटना वैशाली के जंदाहा प्रखंड के तिसिऔता थाना क्षेत्र का है। आरोप है कि गांव के दबंग सवर्णों के द्वारा युवती का अपहर किया गया और उसके बाद उसके साथ रेप करने के उसकी हत्या कर दी गई।

हत्यारों ने सबूत मिटाने के लिए शव को नहर में फेंक दिया था। इस मामले में जानकारी मिली कि हाजीपुर तिसिऔता थाना क्षेत्र में एक सप्ताह पहले 20 साल की एक युवती को गांव के ही पांच से छह दरिंदे उठाकर ले गए थे। जब लड़की के परिजन दबंगों के परिजनों के पास इसकी शिकायत लेकर गए तो उन्होंने कहा कि दो दिनों बाद उसकी बेटी को उन्हें लौटा दी जाएगी।

इसके बाद परिजनों को युवती का शव नहर में तैरता हुआ मिला था। परिजनों का आरोप है कि युवती एक सप्ताह पहले घर से शौच के लिए निकली थी, इसी दौरान पड़ोस के पांच-छह दरिंदे उसे जबरन उठा ले गए थे। इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है वहीं सभी आरोपी फरार बताये जा रहे हैं।

7. धनबाद में जज उत्तम आनंद की हत्या

Uttam Anand
Uttam Anand

धनबाद में 29 जुलाई की सुबह पांच बजे रणधीर वर्मा चौक के पास मॉर्निंग वॉक से लौट रहे जज उत्तम आनंद को ऑटो से टक्कर मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हाईप्रोफाइल हत्या के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था और हेमंत सोरेन सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी।

बवाल बढ़ने के बाद झारखंड सरकार ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। सीबीआई ने मामले में जांच करते हुए ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने चार्जशीट में दोनों पर हत्या करने के साथ-साथ साक्ष्य छिपाने का भी आरोप लगाया था।

लखन वर्मा और राहुल वर्मा ने किसके कहने पर जज की हत्या की, इसका जिक्र आरोपपत्र में नहीं था। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ चार्जशीट सौंपते हुए अनुसंधान जारी रखने की बात कही थी। सीबीआई को ऑटो चालक और उसके सहयोगी खिलाफ कई सबूत मिले थे, जिसके आधार पर दावा किया गया था कि दोनों ने मिलकर एडीजे उत्तम आनंद की हत्या की थी।

हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान पेश हुए सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर शरद अग्रवाल ने बताया था कि एडीजे उत्तम आनंद को जानबूझ कर टक्कर मारी गई थी। हालांकि जज की इरादतन हत्या के संबंध में कोई सबूत या गवाह का जिक्र नहीं किया गया था।

8. केरल में नेताओं की हत्या से गरमाया पूरा प्रदेश

Kerala bjp murder

केरल की भाजपा नेता की हत्या से मची पूरे प्रदेश में सनसनी। इसी दिसंबर महीने में पूरा केरल उस समय सन्न रह गया जब भाजपा और एसडीपीआई के दो राज्य स्तरीय नेताओं रंजीत श्रीनिवास और के. एस. शान की 12 घंटे के भीतर अलग-अलग हत्या कर दी गई।

इस मामले में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा के पांच कार्यकर्ताओं को हत्या की साजिश और सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं हत्यारे अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं।

इस दोहरे हत्याकांड से पूरे राज्य में सनसनी फैली हुई है। मामले में पुलिस ने बाद में स्वीकार किया कि दोनों की हत्या राजनीतिक बदले की भावना से हुई थी। पुलिस अधिकारियों ने जांच के बाद कहा कि उनके पास पुख्ता सबूत है कि हत्यारे इस जघन्य कांड को अंजाम देने के बाद प्रदेश से फरार हो चुके हैं।

उन्हें पकड़ने के लिए विशेष टीमों को पड़ोसी राज्यों में भेजा गया है। पुलिस के मुताबिक दोनों हत्याओं की तहकीकात विशेष जांच दल के अधिकारी कर रहे हैं। पुलिस ने इन हत्याओं के मामले में अब तक आरएसएस के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। वहीं पीएफआई ने पुलिस पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया है।

9. भोपाल में परिवार ने सुसाइड से पहले कुत्तों को जहर देकर मारा

Bhopal

भोपाल में एक परिवार के पांच सदस्यों ने आत्महत्या की कोशिश की। यह घटना पिपलानी थाना क्षेत्र की है, जहां आर्थिक तंगी से जूझ रहे एक ही परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी। इस घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी।

जानकारी के मुताबिक दो लड़कियों ने जहर खाने से पहले सुसाइड नोट भी छोड़ा था। उस नोट में दोनों बेटियों ने किसी बबली नाम की महिला का जिक्र किया था। बताया गया कि परिवार ने उस महिला से पैसे उधार लिए थे। इस मामले में हैरान करने वाली बात यह थी कि सुसाइड नोट दीवार पर लिखने के साथ ही दोनों लड़कियों ने एक कागज और वाट्सएप पर भी छोड़ा था।

पुलिस के मुताबिक पीड़ित परिवार उधार लिए गए पैसों का काफी ब्याज चुका चुका था लेकिन पैसा अभी भी वापस करना बाकी रह गया था।

पीड़ितों का घर भी गिरवी रखा हुआ था। वहीं पैसा वापसी के लिए उनके घर पर लगातार तकादा किया जा रहा था। जिससे दबाव में आकर पूरे परिवार ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी। पीड़ित परिवार ने अपनी जान देने के साथ ही अपने दो कुत्तों और एक चूहे को भी जहर देकर मार दिया था।

10. तमिलनाडु में डीएमके सांसद रमेश पर लगा हत्या का आरोप

TRVS Ramesh
TRVS Ramesh

तमिलनाडु के कुड्डालोर सांसद और डीएमके नेता टीआरवीएस रमेश पर लगा है हत्या का आरोप। अक्टूबर महीने में रमेश ने इस मामले में सरेंडर किया था। रमेश को सीबी-सीआईडी ​​पुलिस ने उनकी काजू प्रोसेसिंग यूनिट में काम करने वाले एक वर्कर की हत्या के मामले आरोपी बनाया था।

सांसद रमेश की जिस काजू की फैक्ट्री में हत्या हुई थी, वह यूनिट पणिकनकुप्पम में है। इस हत्याकांड के मामले में सीबी-सीआईडी सांसद रमेश की गिरफ्तारी से पहले 5 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी थी। गिरफ्तार सभी पांचों लोग रमेश की काजू प्रोसेसिंग यूनिट में काम करते थे।

गिरफ्तार सभी लोगों पर 60 साल के गोविंदरासु की हत्या का आरोप है। इस मामले के मुख्य आरोपी रमेश घटना के बाद फरार हो गये थे लेकिन सीबी-सीआईडी के कड़े रूख के कारण उन्होंने सरेंडर कर दिया। पुलिस के मुताबिक पीड़ित बीते 7 साल से रमेश की काजू प्रोसेसिंग यूनिट में मजदूरी का काम कर रहा था।

20 सितंबर को गोविंदरासु काम से घर लौट रहा था तभी एक कर्मचारी ने उसकी तलाशी ली और उस पर 7 किलो काजू चोरी करने का आरोप लगाया। जिसके बाद कथिततौर पर गोविंदरासु के साथ परिसर में बर्बर मारपीट की गई, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इस मामले में डीएमके नेता टीआरवीएस रमेश को मुख्य आरोपी बनाया गया था।

साल 2021 में इन बड़ी घटनाओं ने न सिर्फ पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दीं बल्कि, विपक्ष ने इन तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. कई मामलों में तो पुलिस की काफी किरकिरी भी हुई। पूरे साल ये मामले सुर्खियों में बने रहे।

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